Friday, July 25, 2025 08:57:38 PM

नोएडा में साइबर ठगी
नोएडा में 80 वर्षीय विधवा महिला से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 1.5 करोड़ की साइबर ठगी

नोएडा में 80 वर्षीय विधवा महिला को साइबर अपराधियों ने 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाकर 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की।

नोएडा में 80 वर्षीय विधवा महिला से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 15 करोड़ की साइबर ठगी
सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा, 24 जुलाई – साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपनी क्रूरता और तकनीकी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए नोएडा की एक 80 वर्षीय विधवा महिला को "डिजिटल अरेस्ट" का डर दिखाकर 10 दिनों तक मानसिक प्रताड़ना दी और करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पीड़िता चित्रा सिंह को लगातार फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारियों की पहचान का इस्तेमाल करते हुए धमकाया गया और अलग-अलग खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करवाई गई।

ठगी का सिलसिला – 10 दिन, डर और धोखे की कहानी

8 जुलाई 2025: एक अज्ञात कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का कर्मचारी बताते हुए दावा किया कि चित्रा सिंह का नाम मानव अंगों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आ गया है। नरेश गोयल का नाम लेकर भय का माहौल बनाया गया और फर्जी गिरफ्तारी वारंट की बात कही गई।

9 जुलाई: महिला को व्हाट्सएप कॉल पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले लोगों से जोड़ा गया। बैंक डिटेल्स, एफडी और अन्य वित्तीय जानकारी मांगी गई। भरोसा दिलाया गया कि जांच पूरी होते ही रकम वापस कर दी जाएगी।

10 से 12 जुलाई: लगातार व्हाट्सएप कॉल कर मानसिक दबाव बनाया गया और चित्रा को सामाजिक संपर्क से दूर रहने को कहा गया। इस दौरान 20-30 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।

13 से 15 जुलाई: फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाकर 50-60 लाख रुपये और निकाले गए। फर्जी दस्तावेजों और वीडियो के ज़रिए पुलिस स्टेशन का बैकग्राउंड दिखाकर भरोसा दिलाया गया।

16-17 जुलाई: अंत में शेष राशि भी ट्रांसफर करवा ली गई। रकम देश के विभिन्न राज्यों – राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, दिल्ली और कोलकाता – के खातों में भेजी गई। कुल ठगी की रकम 1.5 करोड़ रही।

 

ठगी का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई

जब ठगों ने और पैसे मांगने शुरू किए, तब चित्रा को शक हुआ और उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया। परिवार ने तत्काल साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू की और एक आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

 

गौतमबुद्ध नगर: साइबर ठगी का हॉटस्पॉट

2022 में: 14,000 शिकायतें दर्ज

2023 में: 23,172 शिकायतें

2024 में: 25,360 शिकायतें, 259 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी

2022–2024: कुल 62,773 शिकायतें, पर सिर्फ 666 FIR

 

NCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) के अनुसार, यह आंकड़े सिर्फ दर्ज शिकायतों पर आधारित हैं। असल ठगी और भी अधिक हो सकती है।

“डिजिटल अरेस्ट” क्या है?

डिजिटल अरेस्ट एक नई और खतरनाक साइबर ठगी तकनीक है, जिसमें अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल पर “जांच में सहयोग” के बहाने मानसिक रूप से नियंत्रित कर लेते हैं। डराकर पैसे निकलवाना इसका मुख्य उद्देश्य होता है।

 

नोएडा पुलिस की अपील

डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल पर विश्वास न करें। कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती, न ही फोन पर बैंक डिटेल मांगती है। यदि कोई धमकाने की कोशिश करे, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।


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