Friday, July 25, 2025 09:35:49 PM

ग्रेटर नोएडा में कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा चाई-थ्री ग्रीन बेल्ट में पेड़ काटने का मामला: कॉन्ट्रैक्टर ब्लैकलिस्ट, एफआईआर और कई अधिकारियों पर कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा में पेड़ों की अवैध कटाई के चलते योगेंद्र असोसिएट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया है और सिक्योरिटी मनी जब्त कर FIR दर्ज की गई है।

ग्रेटर नोएडा चाई-थ्री ग्रीन बेल्ट में पेड़ काटने का मामला कॉन्ट्रैक्टर ब्लैकलिस्ट एफआईआर और कई अधिकारियों पर कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा चाई-थ्री ग्रीन बेल्ट में पेड़ काटने का मामला: कॉन्ट्रैक्टर ब्लैकलिस्ट, एफआईआर और कई अधिकारियों पर कार्रवाई | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा, 24 जुलाई 2025 — ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई-थ्री स्थित ग्रीन बेल्ट में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में प्राधिकरण ने सख्त कार्रवाई करते हुए कार्यदायी संस्था योगेंद्र असोसिएट्स को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है। साथ ही कॉन्‍ट्रैक्टर की जमा सिक्योरिटी मनी जब्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए गए हैं।


सीईओ ने जताई नाराजगी, एसीईओ ने की मौके पर जांच

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने मामले पर गंभीर नाराजगी जताई और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. ने उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण किया।

 

निरीक्षण दल में शामिल थे:

  • डीजीएम: संजय कुमार जैन

  • वरिष्ठ प्रबंधक: पी.पी. मिश्र

  • प्रबंधक: प्रशांत समाधिया

  • सहायक प्रबंधक: हरिंदर सिंह


इन पर हुई कार्रवाई

  1. योगेंद्र असोसिएट्स (ठेका कंपनी):

    • ब्लैकलिस्ट किया गया

    • सिक्योरिटी मनी जब्त

    • एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश

  2. वरिष्ठ प्रबंधक पी.पी. मिश्र:

    • एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई

    • कारण बताओ नोटिस जारी करने की संस्तुति

  3. प्रबंधक प्रशांत समाधिया:

    • प्रतिकूल प्रविष्टि (adverse entry) देने की संस्तुति

  4. सहायक प्रबंधक हरिंदर सिंह:

    • विभागीय कार्रवाई की संस्तुति

  5. सुपरवाइजर अनूप भाटी और तकनीकी सुपरवाइजर महेश तिवारी:

    • अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त

 

 

2 साल का अनुबंध था, 3 महीने में ही संकट

बता दें कि योगेंद्र असोसिएट्स को अप्रैल 2025 में चाई-थ्री ग्रीन बेल्ट और अन्य हरियाली क्षेत्रों के रखरखाव का 2 वर्षीय अनुबंध दिया गया था। लेकिन केवल 3 महीनों में ही अनुचित कार्यप्रणाली और ग्रीन बेल्ट को नुकसान पहुंचाने के कारण अनुबंध रद्द करना पड़ा।


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