Thursday, July 17, 2025 05:23:50 AM

नोएडा में रोजगार मेला फीका पड़ा
नोएडा: महिला परिचालकों की भर्ती को नहीं मिल रहा अपेक्षित प्रतिसाद, 167 पदों के लिए केवल 41 आवेदन

नोएडा में आयोजित महिला रोजगार मेले में केवल 41 महिलाओं ने आवेदन किया, जबकि 167 पद उपलब्ध थे। इससे सरकारी महिला सशक्तिकरण प्रयासों में बाधा पहुंची है।

नोएडा महिला परिचालकों की भर्ती को नहीं मिल रहा अपेक्षित प्रतिसाद 167 पदों के लिए केवल 41 आवेदन
यूपी परिवहन निगम की बसें | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन को लेकर चलाए जा रहे प्रयासों को एक बार फिर झटका लगा है। नोएडा डिपो में आयोजित रोजगार मेले में महिला संविदा परिचालकों की भर्ती के लिए अपेक्षित संख्या में आवेदन नहीं आए। 167 रिक्त पदों के लिए आयोजित इस मेले में मात्र 41 महिलाओं ने ही आवेदन किया, जो जरूरत के अनुपात में बेहद कम है।

इससे पहले, जब पिछली बार यह भर्ती प्रक्रिया चलाई गई थी, तब सिर्फ तीन महिलाओं की ही भर्ती हो पाई थी। ऐसे में इस बार संख्या थोड़ी ज़रूर बढ़ी है, लेकिन चयन से पहले होने वाली पात्रता जांच के बाद वास्तविक चयन संख्या और भी घट सकती है।

 

सरकार की योजना और उद्देश्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के माध्यम से महिलाओं को संविदा परिचालक (कंडक्टर) के रूप में रोजगार देने की योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और रोडवेज जैसे पारंपरिक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। 15 जुलाई को नोएडा डिपो परिसर में महिला रोजगार मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें क्षेत्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार के बावजूद अपेक्षित सहभागिता नहीं मिल सकी।

 

आवेदन की योग्यता व सुविधाएँ

नोएडा क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आवेदन करने वाली महिलाओं की योग्यता इंटरमीडिएट पास और न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। चयनित महिलाओं को किलोमीटर के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसके अलावा दुर्घटना बीमा कवर, प्रशिक्षण सुविधा, नियुक्ति से पूर्व कौशल विकास प्रशिक्षण, जो कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण से जुड़ा सारा खर्च सरकार वहन करेगी।

 

कम आवेदन आने के कारण

रोजगार मेले में कम महिला सहभागिता के पीछे कई सामाजिक और संरचनात्मक कारण माने जा रहे हैं सार्वजनिक परिवहन जैसे क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अभी भी सीमित है। पारिवारिक जिम्मेदारियाँ और सामाजिक दृष्टिकोण भी एक बड़ी बाधा हैं। संविदा प्रणाली में नौकरी की अस्थिरता भी कुछ महिलाओं को हतोत्साहित करती है। रोडवेज की कार्य प्रकृति (लंबे घंटे, अलग-अलग रूट पर यात्रा) भी कई महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।

 

क्या कहता है विभाग?

परिवहन निगम अधिकारियों का कहना है कि यह एक लंबी प्रक्रिया है, और धीरे-धीरे महिलाओं का विश्वास इस क्षेत्र में बढ़ेगा। विभाग की कोशिश है कि भविष्य में अधिक से अधिक महिला उम्मीदवारों को जोड़ने के लिए साक्षरता अभियान, जागरूकता कैंप और स्थानीय निकायों के माध्यम से सूचना प्रसार किया जाए।


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