Thursday, July 17, 2025 03:47:48 AM

बैंक धोखाधड़ी में बड़ा खुलासा
10 करोड़ के लोन के नाम पर कारोबारी से 4 करोड़ की ठगी, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज

नोएडा के व्यापारी से 4 करोड़ की ठगी। फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए लोन स्वीकृत, बैंक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल।

10 करोड़ के लोन के नाम पर कारोबारी से 4 करोड़ की ठगी कोर्ट के आदेश पर fir दर्ज
10 करोड़ के लोन के नाम पर कारोबारी से 4 करोड़ की ठगी | पाठकराज
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नोएडा। नोएडा के एक बिजनेसमैन के साथ 10 करोड़ रुपये का लोन दिलाने के नाम पर 4 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि लोन एजेंट, फर्जी दस्तावेज़ और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से लोन तो स्वीकृत हो गया, लेकिन एक साल बाद ही लोन अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया गया। पीड़ित कारोबारी का व्यापार चौपट हो गया और लंबे समय तक पुलिस से गुहार लगाने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई। आखिरकार, सूरजपुर कोर्ट के आदेश पर थाना एक्सप्रेसवे में मामला दर्ज कराया गया।

 

कैसे हुई ठगी?

सेक्टर-129 में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनी के मालिक संदीप कुमार ने व्यापार विस्तार के लिए 10 करोड़ रुपये के लोन की आवश्यकता बताई थी। इस सिलसिले में उनकी मुलाकात लोन एजेंट सलमान और दिल्ली निवासी आशीष गोगिया से हुई। आरोप है कि इन लोगों ने उन्हें सेक्टर-18 स्थित आईसीआईसीआई बैंक के रीजनल मैनेजर संतोष सिंह और बैंक कर्मचारी प्रियंका अग्रवाल से मिलवाया। चूंकि पीड़ित के पास 10 करोड़ की संपत्ति के कागजात नहीं थे, आरोपियों ने किसी अन्य व्यक्ति की फर्जी प्रॉपर्टी के दस्तावेज लगाकर लोन स्वीकृत करवाने का प्रस्ताव रखा। शर्त थी कि उस व्यक्ति को कंपनी में डायरेक्टर बनाना होगा और लोन अमाउंट का 30% कमीशन देना होगा। संदीप कुमार ने यह मान लिया और चार करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दे दिए।

 

फर्जी दस्तावेजों पर मिला लोन, खाता एनपीए घोषित

लोन मिलने के एक साल बाद संदीप कुमार को जब यह जानकारी मिली कि उनका खाता एनपीए कर दिया गया है, तो वे बैंक पहुंचे। जांच में सामने आया कि जिन 300 गज के प्लॉट के कागजात पर लोन मिला था, वे फर्जी थे। इस बात से हैरान व्यापारी ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

 

तीन साल बाद कोर्ट के आदेश पर FIR

लगातार अनदेखी से परेशान होकर संदीप कुमार ने सूरजपुर कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश के बाद थाना एक्सप्रेसवे में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में आईसीआईसीआई बैंक के रीजनल मैनेजर संतोष सिंह, कर्मचारी प्रियंका अग्रवाल, सलमान, आशीष गोगिया, अनिल शर्मा समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। मामले में लोन स्वीकृति से लेकर दस्तावेज सत्यापन तक बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अगर जांच में बैंक की अंदरूनी मिलीभगत साबित होती है, तो यह एक बड़े स्तर की बैंकिंग धोखाधड़ी मानी जाएगी।


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