Wednesday, July 16, 2025 02:19:08 AM

साइबर ठगी का पर्दाफाश
विदेशी नागरिकों को ठगने वाला फर्जी कॉल सेंटर बेनकाब, 12 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो विदेशी नागरिकों को लोन के बहाने ठग रहा था।

विदेशी नागरिकों को ठगने वाला फर्जी कॉल सेंटर बेनकाब 12 आरोपी गिरफ्तार
प्रेस वार्ता को संबोधित करते पुलिस के अधिकारी | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। नोएडा पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो विदेशी नागरिकों को कॉल कर लोन देने के बहाने लाखों रुपये ठग रहा था। यह फर्जी कॉल सेंटर जेपी कोसमॉस सोसाइटी के एक फ्लैट में संचालित हो रहा था। थाना एक्सप्रेसवे पुलिस की छापेमारी में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।

 

कैसे होता था साइबर फ्रॉड?

गिरफ्तार आरोपियों का सुनियोजित नेटवर्क था। 

टेलीग्राम और स्काई ऐप के माध्यम से विदेशी नागरिकों का डेटा खरीदते थे

फिर उन्हें लोन ऑफर करने वाले एजेंट बनकर कॉल करते

विश्वास में लेकर उनसे फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट या टैक्स के नाम पर रकम वसूलते

भुगतान होने के बाद नंबर बंद कर देते थे या ब्लॉक कर देते थे

 

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह मुख्य रूप से अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को निशाना बनाता था। पुलिस की टीम ने छापेमारी में मौके से 16 मोबाइल फोन, 10 लैपटॉप,

5 कीबोर्ड और 5 माउस, राउटर, हेडफोन, इंटरनेट डिवाइसेस और स्क्रिप्टेड कॉलिंग डायरियां बरामद की हैं। ये सभी अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग और फर्जी पहचान के जरिए ऑपरेशन चला रहे थे।

 

आरोपियों का नेटवर्क और बैकग्राउंड

पुलिस के मुताबिक, आरोपी बिहार, मणिपुर, नागालैंड, गुजरात और मुंबई से संबंध रखते हैं और अंग्रेजी में पारंगत हैं, जिससे उन्हें विदेशी नागरिकों को भ्रमित करने में आसानी होती थी। वे खुद को बड़े अंतरराष्ट्रीय लोन फर्म का प्रतिनिधि बताकर पेश करते थे।

 

फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कहां से?

यह गिरोह सेक्टर-134 स्थित जेपी कोसमॉस सोसाइटी की एक बिल्डिंग में पिछले कई महीनों से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। किसी तरह का पंजीकरण या वैध अनुमति नहीं ली गई थी। आवासीय अपार्टमेंट को ऑफिस के तौर पर उपयोग करना, सोसायटी नियमों का भी उल्लंघन था।

 

पुलिस का बयान

थाना एक्सप्रेसवे प्रभारी ने बताया “गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट, IPC की धोखाधड़ी की धाराएं लगाई गई हैं। अंतरराष्ट्रीय ठगी से जुड़े इस मामले की जांच को अब साइबर क्राइम सेल और विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय में आगे बढ़ाया जाएगा।” पुलिस विभिन्न एंगल से अंतरराष्ट्रीय खातों में भेजी गई धनराशि का ट्रेस, डेटा बेचने वाले टेलीग्राम चैनलों की पहचान, कॉल सेंटर की फंडिंग और पीछे की मास्टरमाइंड की तलाश के लिए विदेशी एजेंसियों को अलर्ट करना हमारी प्रथमिकता रहेगी।


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