गुरूवार सुबह नोएडा सेक्टर 18 | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में हुई झमाझम बारिश ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं शहर की अव्यवस्थाओं की परतें भी खोल दीं। नोएडा प्राधिकरण द्वारा मानसून से पहले की गई तैयारियों की पोल उस समय खुल गई जब थोड़ी सी बारिश ने ही सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया।
जल निकासी के दावे बहे पानी में
नोएडा प्राधिकरण द्वारा नाला-नाली सफाई और जलनिकासी व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे सड़कों पर हुए जलभराव में डूबते नजर आए। हालात यह रहे कि मुख्य मार्गों से लेकर सेक्टरों के अंदर तक सड़कें पानी में डूब गईं। पैदल चलने वाले लोगों को घुटनों तक पानी से गुजरना पड़ा। टकसाल रोड से डीएससी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भारी जलभराव हो गया। इसके आगे, गेल कार्यालय के दोनों तरफ की सड़कें जो उद्योग मार्ग को जोड़ती हैं, वे पूरी तरह तालाब बन गईं। इन सड़कों पर पैदल निकल पाना तक मुश्किल हो गया।
शाम के वक्त शुरू हुई आफत की बारिश
शाम छह बजे जब कार्यालयों से छुट्टी का समय हुआ, उस दौरान हल्की फुहारें शुरू हो गई थीं। लेकिन सात बजे के करीब जब तेज बारिश शुरू हुई, तो शहर की रफ्तार थम गई। कर्मचारी, छात्र और आम लोग जहां-तहां फंस गए। चिल्ला बॉर्डर समेत कई प्रमुख स्थानों पर लंबा जाम लग गया। जलभराव और ट्रैफिक जाम की दोहरी मुसीबत ने लोगों को घंटों तक परेशान किया।
सेक्टर-1 पूरी तरह चोक, जाम और जलभराव का सामना
जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने की वजह से सेक्टर-1 में बारिश ने लगभग सभी रास्ते चोक कर दिए। गाड़ियों की रफ्तार थम गई और लोग अपने गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच सके। गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक कीचड़ और पानी का अंबार लग गया।

चेतावनी के बावजूद गिरी दीवार, प्रशासन बेपरवाह
ग्राम बरौला में पम्प नंबर दो की दीवार गिर गई। चौंकाने वाली बात यह रही कि 26 फरवरी को ही स्थानीय लोगों ने नोएडा प्राधिकरण को इस संभावित खतरे से अवगत करा दिया था, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। दीवार के गिरने से यह साफ हो गया कि अधिकारियों ने चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया और अब दुर्घटना का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ा जा रहा है।

लोगों की नाराज़गी, जिम्मेदारों पर उठे सवाल
बारिश के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों से नाराज़ लोगों ने प्राधिकरण की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। कई इलाकों में जलनिकासी के लिए पम्पिंग सेट नहीं पहुंचे, जबकि कुछ जगहों पर कर्मचारी नदारद रहे। आम जनता के अनुसार, हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन ने केवल कागजों पर तैयारी दिखाई है।