ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार, 6 अभियुक्त हिरासत में | पाठकराज
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नोएडा। थाना बिसरख पुलिस ने ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और फर्जी ISO सर्टिफिकेट दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 9 लैपटॉप, 1 टैबलेट, 8 मोबाइल फोन और बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं।
फर्जी कंपनी बनाकर करते थे ब्रांडिंग और ISO का झांसा
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने “ब्रांडौलाजी मार्केटिंग प्रा. लि.” नाम से सेक्टर-63 और बाद में ग्रेटर नोएडा स्थित एनएक्स वन टॉवर-4 में फर्जी ऑफिस खोलकर कारोबारियों को ठगने का नेटवर्क खड़ा कर रखा था। गिरोह सोशल मीडिया, वेबसाइट और डिजिटल प्रचार के जरिए कंपनियों को लुभावने ऑफर देता था — जैसे:
उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रचार
ISO सर्टिफिकेशन
बड़ी रिटेल चेन में बिक्री का वादा
फर्जी डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क
कैसे हुआ खुलासा?
घटना का खुलासा तब हुआ जब इंडिको रिटेल प्रा. लि. नामक घी व मुरब्बा निर्माता कंपनी के संचालक ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने ब्रांडिंग और ISO प्रमाणन के लिए उपरोक्त कंपनी को 3.28 लाख रुपए दिए थे, लेकिन कोई सेवा नहीं मिली। इस आधार पर थाना बिसरख में मुकदमा दर्ज किया गया।
ठगी का तरीका – प्रोफेशनल अंदाज़ में संगठित अपराध
जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी कंपनियों को डिजिटल मार्केटिंग, वेबसाइट निर्माण, वीडियो शूटिंग, बारकोड, डोमेन बुकिंग जैसे कामों का प्रलोभन देते थे। फर्जी ISO सर्टिफिकेट तैयार करने के लिए इंटरनेट से प्रमाणपत्रों के प्रोफार्मा डाउनलोड करते थे, उनमें एडिटिंग कर नई कंपनियों के नाम जोड़ते थे। एक ही दिन में "प्रमाणपत्र" उपलब्ध कराते थे और प्रमाणिकता दिखाने के लिए फर्जी वेबसाइट भी बनाते थे। कस्टमर से पैसे लेने के बाद, कुछ सैंपल मंगवा लेते थे और झूठा दावा करते थे कि यह माल डिस्ट्रीब्यूटर्स को भेजा गया है। बाद में शिकायत करने पर ग्राहक को जवाब दिया जाता था कि "आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी खराब है, इसलिए ऑर्डर नहीं मिला", और पैसा वापस नहीं किया जाता।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिकाएं
मयंक तिवारी – डायरेक्टर, ब्रांडौलाजी मार्केटिंग प्रा. लि., ठगी की पूरी योजना का मास्टरमाइंड।
विकास शर्मा – सेल्स एक्जिक्यूटिव, फर्जी दस्तावेज तैयार करने में मुख्य भूमिका।
प्रदीप कुमार यादव – तीन वर्षों से गिरोह के साथ, क्लाइंट को मुनाफे का लालच देने वाला।
अविनाश गिरी – वेबसाइट डेवलपर, फर्जी आंकड़े वेबसाइट पर डालकर ग्राहकों को गुमराह करता था।
प्रदीप यादव – विज्ञापन और प्रचार का जिम्मेदार, अधिक से अधिक विक्रेताओं को जोड़ता था।
केशव शर्मा – कस्टमर रिलेशन मैनेजर, ISO सर्टिफिकेट बनाने और फर्जी वेबसाइट तैयार करने में शामिल।
पहले से दर्ज हैं मामले
इन्हीं आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर-63 में पहले से मुकदमा संख्या 108/2025 के अंतर्गत भी धोखाधड़ी और IT एक्ट की धाराओं में केस दर्ज है। नोएडा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस संगठित अपराध को बेनकाब किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह उत्तर प्रदेश, दिल्ली और अन्य राज्यों की कंपनियों को निशाना बनाता था, ताकि सीधे तौर पर ग्राहक शिकायत करने न आ सकें।