अधिकारियों संग बैठक करते निदेशक | पाठकराज
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लखनऊ, 23 जुलाई। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों (DPROs) और मंडलीय उप निदेशक (पंचायती राज) शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और जमीनी स्तर पर उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जरूरी दिशा-निर्देश देना था।
योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष जोर
निदेशक अमित कुमार सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित पंचायती योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), मनरेगा से जुड़ी ग्राम पंचायतों की संलग्नता, ग्राम सचिवालयों की क्रियाशीलता, ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए संपत्ति कर वसूली इन सभी कार्यों में पारदर्शिता, समयबद्धता और परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाए।
डिजिटल कार्य प्रणाली पर बल
उन्होंने जोर दिया कि विभागीय कार्यों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। पंचायत पोर्टल, ई-ग्राम स्वराज और PFMS (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर समय से डाटा फीडिंग, बजट व्यय व कार्य प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
जवाबदेही तय करने के निर्देश
निदेशक ने कहा कि ग्राम पंचायतों के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रत्येक अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। शिकायतों की त्वरित सुनवाई और समाधान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अमित कुमार सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण विकास की रीढ़ है। “ग्राम स्तर पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन ही राज्य को समग्र विकास की ओर ले जा सकता है,” उन्होंने कहा।
अधिकारियों से फीडबैक भी लिया गया
बैठक के दौरान जिलों के अधिकारियों ने भी अपने क्षेत्र में आ रही स्थानीय चुनौतियों और सुझावों को साझा किया। निदेशक ने भरोसा दिलाया कि ज़मीनी समस्याओं के समाधान के लिए विभाग हर संभव प्रयास करेगा।