कार्यक्रम के बाद पुरस्कार के साथ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी | पाठकराज
पाठकराज
नई दिल्ली/नोएडा, 17 जुलाई। भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों में नोएडा शहर ने एक बार फिर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 'गोल्डन सिटी अवार्ड' प्राप्त किया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने यह प्रतिष्ठित सम्मान उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम और एसीईओ संजय खत्री को प्रदान किया।
इस पुरस्कार को 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि चंडीगढ़ को दूसरा स्थान मिला। लगातार उत्कृष्ट सफाई और जनस्वास्थ्य व्यवस्था के कारण नोएडा इस श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान पर पहुंचा है।
स्वच्छता के सफर में लंबा सफर तय किया नोएडा ने
नोएडा की इस उपलब्धि के पीछे वर्षों की मेहनत, तकनीकी नवाचार और जनभागीदारी का योगदान रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में नोएडा की रैंक 327 थी, जो वर्ष 2019 में घटकर 150 हो गई। इसके बाद सफाई व्यवस्था में व्यापक सुधार, कचरा प्रबंधन में नवाचार और जागरूकता अभियानों के चलते नोएडा ने कई उपलब्धियाँ अर्जित कीं:
2020 में देश में 25वां स्थान, उत्तर प्रदेश में प्रथम
2021 में देश में अपनी श्रेणी में चौथा स्थान, प्रदेश में प्रथम
2022 में रैंक बरकरार
2023 में प्रदेश में फिर रहा नंबर-1, हालांकि राष्ट्रीय रैंक 11वें से गिरकर 14वें स्थान पर आई
इसी वर्ष नोएडा को 'गार्बेज फ्री सिटी' में 5 स्टार सर्टिफिकेट और 'वाटर प्लस' प्रमाण पत्र भी मिला — उत्तर प्रदेश का ऐसा पहला शहर बना
पुरस्कार समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
पुरस्कार ग्रहण करने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी ओएसडी महेंद्र प्रसाद, ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह, जनस्वास्थ्य विभाग के महाप्रबंधक एसपी सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक गौरव बंसल (खंड-1), वरिष्ठ प्रबंधक आर.के. शर्मा (खंड-2) सहित कई प्रबंधक व तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे।
'लोकल टू ग्लोबल' विज़न को सफाई के साथ जोड़ रही नोएडा प्राधिकरण
पुरस्कार मिलने के बाद नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कहा कि यह सम्मान नोएडा की जनता, सफाई कर्मचारियों, और सभी अधिकारियों की संयुक्त मेहनत का परिणाम है। स्वच्छता सिर्फ एक सेवा नहीं बल्कि 'स्मार्ट सिटी' की आत्मा है। प्राधिकरण का लक्ष्य अब 'सस्टेनेबल क्लीनिंग मॉडल' को पूरे क्षेत्र में लागू करना है, जिससे कचरा प्रबंधन पूरी तरह शून्य पर आधारित हो सके।