इसी तालाब में दबाए गए थे शव | पाठकराज
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पूर्णिया, बिहार। राज्य को दहला देने वाली एक वीभत्स और शर्मनाक घटना में, पूर्णिया जिले के एक गांव में डायन-बिसाही के शक में एक ही परिवार के 5 सदस्यों को जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई। वारदात रविवार 6 जुलाई की देर रात करीब 10 से 11 बजे के बीच घटी। मंगलवार सुबह पुलिस ने तालाब में जलकुंभी के नीचे छिपाए गए अधजले शवों को बरामद कर दाह संस्कार करवा दिया है।
वारदात की पृष्ठभूमि
मुख्य आरोपी ने अपने बीमार भगीना (भांजे) को ठीक कराने के लिए मृतक परिवार पर 'झाड़-फूंक' या 'डायन बिसाही' करने का दबाव बनाया। कुछ दिन पहले मुख्य आरोपी के बेटे की मौत हुई थी, जिसका सीधा आरोप बाबू लाल उरांव के परिवार पर लगाया गया। आरोपी और अन्य ग्रामीणों ने परिवार को डायन करार देकर धमकाना और मारपीट करना शुरू कर दिया। घटना की रात भारी संख्या में लोग पहुंचे, मारपीट की और फिर परिवार के सदस्यों को जिंदा जला दिया। ट्रैक्टर में लादकर शवों को करीब 3 किलोमीटर दूर एक पोखर में फेंक दिया गया।
पुलिस कार्रवाई
तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया है। घटना में प्रयुक्त ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है। शवों को विशेष मेडिकल बोर्ड के माध्यम से वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम ने मौके से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं।
SIT गठित, फरार आरोपियों की तलाश जारी
जांच को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर-1) के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। SIT में अन्य वरिष्ठ और दक्ष पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।