Saturday, July 05, 2025 02:49:39 PM

मर्डर इन पटना
पटना में सनसनी! कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, बेटे की भी 2018 में हो चुकी थी हत्या

पटना में घातक हमले में गोपाल खेमका की हत्या हुई। घटना वीआईपी क्षेत्र में हुई, पुलिस के देरी से पहुंचने पर सवाल उठे।

पटना में सनसनी कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या बेटे की भी 2018 में हो चुकी थी हत्या
गोपाल खेमका की फोटो | पाठकराज
पाठकराज

पटना। बिहार की राजधानी पटना में शनिवार रात उस समय सनसनी फैल गई जब जाने-माने कारोबारी गोपाल खेमका की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह वारदात गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पास राम गुलाम चौक की है, जो पटना के वीआईपी जोन में आता है।

पुलिस के अनुसार, गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से लौटकर अपने घर पहुंच रहे थे। जैसे ही वे अपनी गाड़ी से उतरे, घात लगाए बदमाशों ने पास से ही उनके सिर में गोली मार दी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

 

थाने के पास वारदात, फिर भी 3 घंटे देर से पहुंची पुलिस

  • परिजनों का आरोप है कि गोली चलने की आवाज सुनने के बावजूद पुलिस को पहुंचने में तीन घंटे लग गए।

  • घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर गांधी मैदान थाना, एसएसपी और डीएम आवास स्थित हैं।

 

पहले बेटे की हुई थी हत्या, अब पिता को बनाया निशाना

  • 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की वैशाली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

  • उस मामले में आरोपी मस्तु सिंह को गिरफ्तार किया गया था लेकिन जमानत के बाद उसकी भी हत्या कर दी गई।

  • अब उनके पिता की हत्या ने पूरे मामले को और रहस्यमयी बना दिया है।

 

FSL टीम ने उठाए सैंपल, STF को सौंपी गई जांच

  • पुलिस की FSL टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।

  • बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने STF को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी है।

  • पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है।

 

बड़े सवाल, बड़ी लापरवाही

  • राजधानी में थाने और अधिकारियों के आवास के पास हत्या कैसे हो गई?
  • क्या खेमका परिवार को पहले से खतरे की आशंका थी?
  • 2018 में बेटे की हत्या और अब पिता की हत्या—क्या है इसके पीछे की साजिश?

 

गोपाल खेमका की हत्या से पटना में भय का माहौल है। लगातार दो हत्याएं—पहले बेटे और अब पिता की—इस बात की ओर इशारा करती हैं कि मामला व्यक्तिगत रंजिश, संपत्ति विवाद या संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है। सवाल यह भी है कि राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था आखिर कितनी मजबूत है, जब वीआईपी क्षेत्र में भी खुलेआम गोली मारी जा सकती है।


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