Sunday, May 25, 2025 03:35:32 AM

दरोगा की सेवा बहाल
रिश्वतखोरी के आरोप में बर्खास्त दरोगा को बहाल करने का आदेश, हाईकोर्ट ने विभागीय कार्यवाही को बताया अनिवार्य

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्त दरोगा प्रदीप कुमार गौतम की सेवा बहाल की, विभागीय कार्यवाही के बिना बर्खास्तगी को अवैध बताया।

रिश्वतखोरी के आरोप में बर्खास्त दरोगा को बहाल करने का आदेश हाईकोर्ट ने विभागीय कार्यवाही को बताया अनिवार्य
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम
पाठकराज

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में रिश्वतखोरी के आरोप में बर्खास्त किए गए उपनिरीक्षक (दरोगा) प्रदीप कुमार गौतम की सेवा बहाली का आदेश पारित किया है। अदालत ने कहा कि पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दण्ड एवं अपील नियमावली 1991 के नियम-8(2)(बी) के तहत विभागीय कार्यवाही किए बिना की गई बर्खास्तगी अवैध है। यह फैसला न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अतिप्रिया गौतम की बहस सुनने के बाद सुनाया।

 

क्या था मामला?

दरोगा प्रदीप कुमार गौतम, चौकी इंचार्ज, गोलचक्कर, थाना फेस-1, नोएडा के पद पर कार्यरत थे। अप्रैल 2025 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी जेब से पैसे निकालकर दरोगा को देते हुए देखा गया। वीडियो के आधार पर प्रदीप गौतम पर धारा 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर दी गई थी। पुलिस विभाग ने वीडियो को प्रथम दृष्टया साक्ष्य मानते हुए दरोगा को 05 अप्रैल 2025 को बर्खास्त कर दिया था। आरोपों में कहा गया कि यह कृत्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली के प्रतिकूल है और इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।

 

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि बर्खास्तगी विभागीय कार्यवाही के बिना की जाती है, तो यह संविधान और नियमों के विरुद्ध है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बर्खास्तगी आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि विभागीय कार्यवाही क्यों नहीं की जा सकती थी, जो कि नियमों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया कि याची को न तो विभागीय जांच का अवसर मिला और न ही कोई नोटिस दिया गया। अधिवक्ता विजय गौतम ने दलील दी कि यह बर्खास्तगी सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्ववर्ती निर्णयों के विरुद्ध है।

 

कोर्ट का आदेश

अदालत ने अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय), गौतमबुद्धनगर द्वारा पारित बर्खास्तगी आदेश को रद्द करते हुए दरोगा को तत्काल सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया है।


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