Tuesday, June 10, 2025 12:02:28 PM

नया ड्रेस कोड मंदिर में
प्रयागराज के श्री मनकामेश्वर मंदिर में अभिषेक के लिए अब धोती पहनना अनिवार्य, जींस-पैंट पर पूरी तरह रोक

प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए नया ड्रेस कोड नियमित किया गया है; धोती और साड़ी पहनना अनिवार्य होगा।

प्रयागराज के श्री मनकामेश्वर मंदिर में अभिषेक के लिए अब धोती पहनना अनिवार्य जींस-पैंट पर पूरी तरह रोक
मंदिर की फाइल फोटो | पाठकराज
पाठकराज

प्रयागराज। धार्मिक परंपराओं के संरक्षण और श्रद्धालुओं की मर्यादित उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब मंदिर में अभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को धोती पहनना अनिवार्य होगा। पैंट, जींस, स्कर्ट, हाफ पैंट जैसे परिधान पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। यह नया नियम 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण मास से प्रभावी होगा और स्थायी रूप से लागू रहेगा।

 

नए नियम की मुख्य बातें:

पुरुषों को धोती पहनना अनिवार्य, साथ में कुर्ता या शर्ट पहन सकते हैं।

महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट पहनकर ही अभिषेक करने की अनुमति होगी।

फटी जींस, स्कर्ट, हाफ पैंट, और भद्दे कपड़े पूरी तरह प्रतिबंधित।

मंदिर प्रशासन द्वारा धोती नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे अभिषेक के बाद लौटाना होगा।

 

श्रावण मास की भीड़ और बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए निर्णय

श्री मनकामेश्वर मंदिर, जो यमुना तट पर स्थित है, प्रयागराज का एक अति प्राचीन और प्रतिष्ठित शिव मंदिर है। यहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन 5,000 से 6,000 श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं, जबकि श्रावण मास में यह संख्या बढ़कर 20,000 से 50,000 तक पहुंच जाती है। मंदिर क्षेत्र में भीड़ के दौरान महिलाओं से छेड़छाड़ और चोरी की घटनाओं को देखते हुए भी यह निर्णय लिया गया है, ताकि एक संयमित और शालीन माहौल बनाए रखा जा सके।

 

महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने कहा:

“आराधना में वस्त्र का विशेष महत्व है। धोती एक पवित्र परिधान है, जिससे भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त होता है। अभिषेक कोई सामान्य कर्म नहीं, वह आत्मिक साधना है, जिसके लिए बाह्य शुद्धता भी जरूरी है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नियम सिर्फ श्रावण मास तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्थायी रूप से लागू किया जाएगा। मंदिर पुजारियों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर पैंट या जींस में आता है, तो उसे अभिषेक नहीं करने दिया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था की है कि यदि किसी श्रद्धालु के पास धोती न हो, तो मंदिर परिसर में नि:शुल्क धोती दी जाएगी, जिसे पूजन उपरांत वापस देना होगा।


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