Friday, May 16, 2025 09:26:02 AM

गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी सज्ज
नवनिर्मित गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तैयार, वायुसेना की रिहर्सल जल्द

मेरठ से प्रयागराज के बीच निर्मित गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बन कर तैयार है। यहां वायुसेना के फाइटर जेट्स लैंडिंग और रिफ्यूलिंग कर सकेंगे।

नवनिर्मित गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तैयार वायुसेना की रिहर्सल जल्द
गंगा एक्सप्रेस वे
पाठकराज

नोएडा (डिजिटल डेस्क) - मेरठ से शाहजहांपुर होते प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे का शत प्रतिशत काम इसी वर्ष नवंबर तक पूरा हो जाएगा। 594 किलोमीटर लंबे इस गंगा एक्सप्रेस-वे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन फर्राटे भर सकेंगे। शाहजहांपुर में इसी एक्सप्रेस-वे पर 3 किलोमीटर से लंबी हवाई पट्टी भी बनाई गई है। यहां वायु सेना के फाइटर जेट लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकेंगे। 2 और 3 मई को इस हवाई पट्टी पर वायु सेवा की फाइटर जेट टच एंड गो की रिहर्सल भी करेंगे। रिहर्सल से पहले सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। तैयारियों का जायजा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ले रहे हैं। 

शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील के पीरु गांव के पास गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनाई गई है। खास बात यह है कि यह हवाई पट्टी देश की पहली ऐसी हवाई पट्टी है यहां पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों की नाइट लैंडिंग भी कराई जा सकेगी। वहीं 2 और 3 मई को जिले ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण होगा, जब एयर फोर्स के विमान जलालाबाद में गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनी हवाई पट्टी पर टच एंड गो की रिहर्सल करेंगे।


बता दें कि एयरफोर्स के विमान राफेल, सुखोई, मिराज, तेजस और रुद्र लैंडिंग करेंगे। इस हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के विमान सी 17 ग्लोब मास्टरको उतारने की भी रिहर्सल की जाएगी। जिसको लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। जगह-जगह पर एयर फोर्स के जवान और पुलिस प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा में तैनात किए जा रहे हैं। साथ ही हवाई पट्टी के दोनों ओर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी निगरानी करेंगे। हवाई पट्टी वाले क्षेत्र को एयरफोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया है। गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई हवाई पट्टी भारतीय वायु सेवा के लिए संजीवनी की तरह काम करेगी। हवाई पट्टी से चीन बॉर्डर की दूरी करीब 250 किलोमीटर है। अगर भविष्य में कभी भी चीन के साथ युद्ध की स्थिति बनती है तो इस हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट लैंड कर सकेंगे। इतना ही नहीं यहां से फ्यूल रिफलिंग के बाद दोबारा से उड़ान भर सकेंगे।


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