Friday, May 16, 2025 09:21:11 AM

तनाव के बीच भारत में मॉक ड्रिल
यूपी: 7 मई को पूरे राज्य में हवाई हमले की मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट की भी तैयारी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में तनाव बढ़ा। PM मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने सभी राज्यों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया।

यूपी 7 मई को पूरे राज्य में हवाई हमले की मॉक ड्रिल ब्लैकआउट की भी तैयारी
प्रतीकात्मक फोटो
गूगल

लखनऊ। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा कि दोषियों को "मिट्टी में मिला देंगे"। इसके बाद केंद्र सरकार और सुरक्षाबल देशभर में हर संभावित खतरे से निपटने के लिए सक्रिय हो गए हैं।

इसी सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए हैं कि वे युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल करें। खासकर हवाई हमले की चेतावनी और ब्लैकआउट से जुड़े अभ्यास किए जाएं ताकि आम जनता ऐसी आपात स्थिति में सही कदम उठा सके।

यूपी में 7 मई को मॉक ड्रिल

उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुपालन में 7 मई को राज्यभर में मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। डीजी सिविल डिफेंस की ओर से सभी जिलों के डीएम, एसएसपी, पुलिस कमिश्नर और नागरिक सुरक्षा संगठनों को निर्देश जारी किए गए हैं।

ड्रिल की प्रमुख गतिविधियां होंगी:

  • हवाई हमले की चेतावनी देने वाला सायरन बजाया जाएगा।

  • ब्लैकआउट की स्थिति तैयार की जाएगी, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी और नागरिकों को अंधेरे में सुरक्षित रहने का अभ्यास कराया जाएगा।

  • जिलों में कम से कम दो स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

  • स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

  • नागरिकों को बताया जाएगा कि आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें, कहाँ शरण लें और किन सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

क्या है ब्लैकआउट और क्यों जरूरी है?

ब्लैकआउट वह स्थिति होती है जिसमें पूरे इलाके की लाइटें बुझा दी जाती हैं, ताकि दुश्मन देश की एयर स्ट्राइक या बमबारी में निशाना न बना सके। यह दूसरे विश्व युद्ध से लेकर भारत-पाक युद्धों में अपनाया गया एक परखा हुआ रणनीतिक कदम है।

आज की टेक्नोलॉजी से लैस दुश्मन सैटेलाइट्स और ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है, ऐसे में ब्लैकआउट अभी भी एक कारगर तकनीक मानी जाती है।


युवाओं और छात्रों को किया जाएगा जागरूक

डीजी सिविल डिफेंस का कहना है कि युवाओं और छात्रों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे संकट की स्थिति में न केवल खुद को बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकें। स्कूलों और कॉलेजों में प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार और डेमो सत्र आयोजित किए जाएंगे।


सख्त चेतावनी: अफवाहों से रहें सावधान

प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि यह महज एक अभ्यास है। कोई असली हमला नहीं हो रहा है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि किए संदेश न फैलाएं और प्रशासन का पूरा सहयोग करें।


सम्बन्धित सामग्री