Sunday, June 22, 2025 12:19:03 AM

फर्जी डिग्री गिरोह का पर्दाफाश
दिल्ली में फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार – 5,000 से ज्यादा नकली दस्तावेज बरामद

दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया, जो देशभर के कई विश्वविद्यालयों के दस्तावेज शामिल करता था।

दिल्ली में फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ पांच गिरफ्तार – 5000 से ज्यादा नकली दस्तावेज बरामद
सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस सिलसिले में पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से देश के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों के सैकड़ों फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश कुमार महला ने जानकारी दी कि इस गिरोह की गिरफ्त में नेताजी सुभाष प्लेस स्थित परमहंस विद्यापीठ के मालिक विक्की हरजानी भी शामिल है। उसकी कार और कार्यालय से 75 जाली दस्तावेज, छह लैपटॉप और 20 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

 

20 से ज्यादा कोचिंग सेंटरों से जुड़ा नेटवर्क

पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, 20 से 25 कोचिंग सेंटर इस अवैध नेटवर्क से जुड़े हुए थे, जो छात्रों को बीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक, बीएएमएस, बीएड, एमबीए और एमए जैसी डिग्रियों के फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराते थे। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में 5,000 से ज्यादा फर्जी डिग्री और मार्कशीट की सॉफ्ट कॉपियां मिली हैं।

 

सोशल मीडिया के जरिए किया जाता था प्रचार

गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और एक्स के जरिए छात्रों से संपर्क करता था और उन्हें यूजीसी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में दाखिले का झांसा देता था। बाद में छात्रों से वास्तविक दस्तावेज लेकर उनकी हूबहू नकली प्रतियां तैयार की जाती थीं।

 

देशभर के विश्वविद्यालयों के दस्तावेज शामिल

जब्त दस्तावेजों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, सिक्किम, मेघालय और तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों के नकली प्रमाणपत्र शामिल हैं। गिरोह का नेटवर्क राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ था। मुख्य आरोपी विक्की हरजानी की निशानदेही पर पुलिस ने गिरोह के अन्य चार सदस्यों — विवेक गुप्ता, सतबीर सिंह, नारायण और अवनीश कंसल को भी गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों, खासकर कोचिंग सेंटर संचालकों और विश्वविद्यालय कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।


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