सर्फाबाद गांव का हाल | पाठकराज
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नोएडा। शहर के हाईटेक विकास के दावों के बीच नोएडा के गांवों की तस्वीर एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मानसून पूरी तरह सक्रिय भी नहीं हुआ, लेकिन गांवों में सीवर और नालों के ओवरफ्लो ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। स्थानीय निवासी बुनियादी सुविधाओं की मांग करते-करते थक चुके हैं, लेकिन व्यवस्था जस की तस है।
सर्फाबाद, सलारपुर, बरोला, विश्नोली, बहलोलपुर, छिजारसी, निठारी, बिशनपुरा, सोरखा, ममूरा जैसे गांवों में जगह-जगह जलभराव और बदबूदार पानी बहता दिख रहा है। गलियों में कीचड़ और सीवर का गंदा पानी जमा हो चुका है, जिससे पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है।
“ये हाल हर साल होते हैं, कोई देखने वाला नहीं है,” – सर्फाबाद निवासी
सफाईकर्मी नहीं दिखते, व्यवस्था लापता
स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाईकर्मी सिर्फ कागजों में तैनात हैं।
“कई-कई हफ्तों तक कोई सफाई नहीं होती। बारिश आते ही नाले उफान पर आ जाते हैं, घरों में गंदा पानी घुस जाता है।” – सलारपुर के बुजुर्ग निवासी
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है बदहाल तस्वीरें
ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर जलभराव और नालों की गंदगी की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर प्रशासन को घेरा है। कई पोस्ट में नोएडा प्राधिकरण और नगर निगम को टैग कर सफाई अभियान की मांग की गई है।
स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा, बीमारियों का डर
बरसात से पहले ही गंदा पानी और मच्छरों की भरमार से डेंगू, मलेरिया और स्किन इन्फेक्शन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग की कोई सक्रियता नजर नहीं आ रही, जिससे लोगों में रोष है।
ग्रामीणों की मांगें
तत्काल सफाई अभियान चलाया जाए
हर गांव में नियमित सफाईकर्मी की तैनाती हो
नालों की साल में दो बार मशीन से सफाई कराई जाए
सीवर सिस्टम को तकनीकी रूप से सुधारा जाए
प्राधिकरण की चुप्पी
हालांकि नोएडा प्राधिकरण स्मार्ट सिटी और हाई-टेक टाउनशिप के बड़े-बड़े वादे करता है, लेकिन गांवों की उपेक्षा इस विकास की सच्चाई को उजागर कर रही है। अभी तक प्राधिकरण की ओर से कोई तत्कालिक सफाई योजना या प्रतिक्रिया नहीं आई है।