Thursday, July 17, 2025 07:16:24 PM

स्कूली वाहनों की सख्त जांच
स्कूली वाहनों पर परिवहन विभाग की सख्ती, 29 वाहनों के चालान, 13 किए गए सीज़

नोएडा में परिवहन विभाग ने स्कूली वाहनों की सख्त जांच की, जिसमें कई वाहनों में अनियमितताएँ पाई गईं। सुरक्षा उपायों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की गई।

स्कूली वाहनों पर परिवहन विभाग की सख्ती 29 वाहनों के चालान 13 किए गए सीज़
फाइल फोटो | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, जिले में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नाम पर कुल 1946 बसें/मिनी बसें पंजीकृत हैं, जिनमें से 47 बसों की आयु पूर्ण हो चुकी है, यानी अब वे सड़क पर चलने योग्य नहीं हैं। इस संबंध में सभी संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी कर उनके पंजीयन निलंबन/निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

 

35 बसों के फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि समाप्त

वित्तीय वर्ष 2025–26 के जून माह तक की समीक्षा में सामने आया कि 35 स्कूली वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त हो चुकी है। इन मामलों में संबंधित स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर अवगत करा दिया गया है कि केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा-39 के अनुसार फिटनेस प्रमाणपत्र न होने की स्थिति में वाहन संचालन गैरकानूनी होगा। परिवहन विभाग ने निर्देशित किया है कि संबंधित स्कूल तत्काल परिवहन कार्यालय में तकनीकी निरीक्षण करवा कर अपने वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण सुनिश्चित करें, अन्यथा उन पर कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी।

 

विशेष चेकिंग अभियान: 872 वाहनों की हुई जांच

एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने बताया कि परिवहन आयुक्त के आदेशानुसार 01 जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक जिले में संचालित स्कूली वाहनों पर विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान गौतमबुद्धनगर के सभी प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा कुल 872 स्कूली वाहनों की गहन जांच की गई। जिसमें 4 वाहन ऐसे मिले जिनका फिटनेस प्रमाणपत्र समाप्त था। वहीं 25 वाहनों में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएँ पाई गईं — जिनमें मानक सुरक्षा उपकरणों की कमी, गलत दस्तावेज़, ओवरलोडिंग आदि शामिल थे। अभियान के दौरान कुल 29 वाहनों के चालान किए गए। साथ ही 13 वाहनों को तत्काल सीज़ कर लिया गया है।

 

फिलहाल भी जारी है सतत निगरानी

जिले में स्कूली वाहनों की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वर्तमान में भी प्रतिदिन चलने वाले स्कूली वाहनों की जांच जारी रखें। प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि स्कूल प्रबंधन को जागरूक कर उनके वाहनों को सुरक्षित बनाना है। लेकिन जो संस्थान नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

 

अभिभावकों से भी अपील

परिवहन विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के स्कूल वाहन की स्थिति की जानकारी लें — वाहन पर फिटनेस, परमिट और बीमा जैसी आवश्यक जानकारी चस्पा होनी चाहिए। यदि कोई अनियमितता दिखाई दे, तो विभाग को तुरंत सूचित करें।


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