Thursday, May 22, 2025 01:59:00 PM

नोएडा में लापरवाही से हादसे
तूफान ने फिर उजागर की लापरवाही: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की पुरानी करतूतें बनीं हादसों की वजह

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तेज आंधी के दौरान बिल्डरों की लापरवाही से जानलेवा हादसे हुए। बुजुर्ग और बच्चे सहित कई जानें गईं।

तूफान ने फिर उजागर की लापरवाही नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की पुरानी करतूतें बनीं हादसों की वजह
घटना के बाद चादर से ढका हुआ शव
पाठकराज

नोएडा, 22 मई (विकास राजपूत)। बुधवार रात आए तेज आंधी-तूफान और बारिश ने एक बार फिर नोएडा और ग्रेटर नोएडा की रिहायशी सोसायटियों में सुरक्षा को लेकर चल रही भारी लापरवाही को उजागर कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के दौरान जहां शहर भर में 1000 से अधिक पेड़ गिर गए, बिजली व्यवस्था चरमरा गई, वहीं ओमीक्रान-3 स्थित मिग्सन अल्टीमो सोसायटी में 22वीं मंजिल से गिरी ग्रिल ने एक बुजुर्ग महिला और दो वर्षीय बच्चे की जान ले ली।

यह हादसा सिर्फ कुदरत की मार नहीं था, बल्कि बिल्डर और हाउसिंग सोसायटी की लापरवाही का नतीजा था — और यह पहली बार नहीं हुआ है।

 

 

ताजा हादसा: जब सुरक्षा उपाय न हों, मौत दस्तक देती है

बुजुर्ग सुनीता देवी अपने दो वर्षीय नाती अदविक को गोद में लेकर सोसायटी परिसर में टहल रही थीं। तभी तेज आंधी में टावर की 22वीं मंजिल से एक भारी लोहे की ग्रिल उन पर आ गिरी। सुनीता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्चा गंभीर रूप से घायल होकर बाद में अस्पताल में दम तोड़ बैठा।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह ग्रिल असुरक्षित तरीके से छत पर वर्षों से रखी हुई थी और इसके बारे में कई बार बिल्डर और मेंटेनेंस को सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

 

नोएडा में पहले भी हुई हैं बिल्डरों की लापरवाही से घटनाएं

 

  1. जनवरी 2025, एटीएस हैपी ट्रेल्स:
    कुछ निवासियों ने शिकायत की थी कि छत पर रखे भारी जेनरेटर की स्थिति खतरनाक है। मेंटेनेंस टीम ने आश्वासन तो दिया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
  2. मार्च 2025, एसएस्ट्रेटिया ज़ेनिथ:
    प्लास्टर गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। सोसायटी में सुरक्षा ऑडिट की कोई प्रक्रिया नहीं थी।
  3. और अब – मिग्सन अल्टीमो (मई 2025):
    22वीं मंजिल पर असुरक्षित रखी ग्रिल ने दो मासूम जानें ले लीं। बिल्डर द्वारा छत पर रखे गए अव्यवस्थित भारी सामान पर किसी प्रकार की चेतावनी या प्रतिबंध नहीं था।
  4. नोएडा सेक्टर-121, अजनारा होम्स (जनवरी 2024):
    एक बालकनी से एसी की भारी यूनिट गिरकर नीचे खड़ी कार पर जा गिरी। कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन मेंटेनेंस टीम पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
  5. ग्रेटर नोएडा, चार्म्स कैसल (जून 2024):
    एक बुजुर्ग दंपत्ति लिफ्ट में घंटों फंसे रहे क्योंकि सोसायटी की बैकअप सिस्टम ने काम नहीं किया। आरडब्ल्यूए ने बाद में माना कि लिफ्ट की बैटरी बैकअप कई महीनों से खराब थी।
  6. नोएडा एक्सटेंशन, पंचशील ग्रीन (दिसंबर 2024):
    एक बालकनी की रेलिंग गिरने से एक बच्चा नीचे आ गिरा और घायल हो गया। फायर सेफ्टी और संरचनात्मक फिटनेस रिपोर्ट पिछले दो वर्षों से अपडेट नहीं की गई थी।
  7. नोएडा सेक्टर-137, पैरामाउंट फ्लोरविल (मार्च 2023):
    यहां एक बालकनी की दीवार गिरने से एक घरेलू सहायिका गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जांच में पता चला कि बालकनी में इस्तेमाल की गई ईंटें निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं थीं।
  8. ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गौर सिटी 2 (अक्टूबर 2023):
    टावर के ऊपर पानी की टंकी की सपोर्टिंग स्ट्रक्चर कमजोर होने के कारण तेज हवा में टंकी झुक गई। निवासियों ने समय रहते उसे हटवाया, जिससे बड़ा हादसा टला।
  9. सुपरटेक ट्विन टावर्स मामला (2022):
    नोएडा के सेक्टर-93ए में सुपरटेक द्वारा नियमों की अवहेलना करते हुए बनाए गए दो टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया। इन टावरों का निर्माण बिल्डिंग बायलॉज़ और पर्यावरण नियमों की अनदेखी के साथ हुआ था।
  10. महागुन मॉडर्न सोसायटी, 2021:
    बालकनी की ग्रिल अचानक गिरने से एक बुजुर्ग महिला घायल हो गई थीं। जांच में पाया गया कि ग्रिल की फिटिंग में लापरवाही बरती गई थी।
  11. एटीएस ग्रीन विलेज, 2019:
    यहां बालकनी से प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा गिरने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। आरडब्ल्यूए की शिकायत के बावजूद बिल्डर ने समय पर मरम्मत नहीं कराई थी।
  12. निराला इस्टेट, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (2020):
    यहां तेज हवा में टावर के ऊपर से पानी की टंकी हिल गई थी। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इससे सोसायटी में भय का माहौल बन गया।

 

 

विशेषज्ञों की राय: लापरवाही नहीं, यह आपराधिक लापरवाही है

वास्तु और निर्माण विशेषज्ञों का मानना है कि ऊंची इमारतों में छतों या ऊपरी मंजिलों पर रखे गए भारी सामान की नियमित जांच, ग्रिल और टंकी जैसी संरचनाओं की फिक्सिंग और मजबूती की समय-समय पर जांच अनिवार्य होनी चाहिए। नोएडा में कई बिल्डर केवल बिक्री पर ध्यान केंद्रित करते हैं, मेंटेनेंस और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में नहीं होता।

 

 

नियम तो हैं, पर अनुपालन नहीं

नोएडा अथॉरिटी और RERA के पास भवन निर्माण के लिए कई सुरक्षा मानक तय हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन अक्सर कागजों तक ही सीमित रहता है। स्थानीय निवासियों और आरडब्ल्यूए का कहना है कि:

  • कोई स्ट्रक्चरल ऑडिट नियमित नहीं होता
  • बिल्डिंग मेंटेनेंस महज नाम भर का होता है
  • शिकायतें करने पर भी कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होती

 

 

निवासियों की मांग: हर छह महीने में हो सुरक्षा ऑडिट

ताजा घटनाओं को देखते हुए कई सोसायटियों में निवासियों ने मांग की है कि:

  • हर छह महीने में बिल्डिंग सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य किया जाए
  • RERA और अथॉरिटी को फील्ड विज़िट और आकस्मिक जांच करनी चाहिए

हादसों में लापरवाही पाए जाने पर बिल्डरों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए


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