प्राधिकरण में अधिकारियों की बैठक | पाठकराज
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नोएडा। नोएडा में अटकी लाखों रजिस्ट्री की राह अब साफ हो सकती है। नोएडा प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से आई टीम के साथ हुई बैठक के बाद 15 बड़े बिल्डरों को नोटिस भेजने का निर्णय लिया है, जो हाल ही में अमिताभ कांत कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इन बिल्डरों की अनुपस्थिति को बेहद गंभीर माना गया है।
गैरहाज़िर बिल्डर, रुकी रजिस्ट्री
इन बिल्डरों पर भारी बकाया है, और इनके प्रोजेक्ट्स से संबंधित लाखों खरीदारों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। PMO और नोएडा प्राधिकरण की संयुक्त समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि जिन बिल्डरों की वजह से रजिस्ट्री प्रक्रिया लंबित है, वे समाधानकारी बैठकों से दूरी बनाए हुए हैं।
‘ज़ीरो पीरियड पॉलिसी’ का लाभ देकर समाधान की दिशा में कदम
प्राधिकरण अब इन 15 बिल्डरों को फिर से नोटिस भेजकर ‘ज़ीरो पीरियड पॉलिसी’ का लाभ दिलाने की दिशा में कदम उठाने जा रहा है, जिससे वे बकाया भुगतान कर सकें और अटकी रजिस्ट्रियों को आगे बढ़ाया जा सके। यह नीति उन बिल्डरों के लिए राहत लेकर आई है, जिन्होंने COVID-19 या अन्य वजहों से समय पर काम पूरा नहीं किया।
लाखों खरीदारों को मिल सकती है राहत
इस निर्णय से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से अपने फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे लाखों होमबायर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। नोएडा प्राधिकरण इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।