Friday, May 16, 2025 09:18:52 AM

गोवा मंदिर त्रासदी
गोवा के मंदिर में भगदड़, 6 मृत और 50 घायल

गोवा के लैराई देवी मंदिर में अग्नि-चलन अनुष्ठान के दौरान भीड़ के चलते भगदड़ हो गई, जिसमें 6 मृत और 50 से अधिक घायल हुए हैं।

गोवा के मंदिर में भगदड़ 6 मृत और 50 घायल
गोवा का मंदिर
पाठकराज
गोवा, 3 मई 2025। गोवा के शिरगाओ गांव स्थित प्रसिद्ध लैराई देवी मंदिर में शनिवार तड़के उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अग्नि-चलन अनुष्ठान के दौरान भारी भीड़ के चलते भगदड़ हो गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु पारंपरिक रस्म 'धोंड' — जलते अंगारों पर नंगे पांव चलने की सदियों पुरानी परंपरा — में हिस्सा लेने के लिए मंदिर परिसर में जमा हुए थे। भीड़ के एक हिस्से का नियंत्रण बिगड़ने पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे कई लोग कुचले गए।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शोक व्यक्त करते हुए कहा,

"गोवा के शिरगाओ में भगदड़ के कारण हुई जान-माल की हानि से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी घटना पर गहरा शोक जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री सावंत ने घायलों से की मुलाकात

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है।

हादसे के संभावित कारण

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की चूक और ढलान वाले मार्ग पर भीड़ का असंतुलित गति से बढ़ना हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने यात्रा के लिए 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती और ड्रोन से निगरानी का दावा किया था।

हर साल जुटते हैं हजारों श्रद्धालु

श्री लैराई देवी यात्रा गोवा का एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, जो हर साल मई में आयोजित होता है। इस अनुष्ठान में करीब 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होते हैं। अग्नि-चलन रस्म इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण होती है।

घायलों का इलाज जारी

घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय लोग और मंदिर के स्वयंसेवक भी बचाव कार्यों में जुटे रहे।


 


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