नोएडा–मेरठ डिपो | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा/मेरठ। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के नोएडा और मेरठ डिपो के बीच आपसी विवाद खुलकर सामने आ गया है। आरोप है कि मेरठ डिपो प्रशासन ने नोएडा डिपो की बसों को मेरठ बस अड्डे में प्रवेश से रोक दिया है, जिससे न केवल यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है, बल्कि रोडवेज को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नोएडा क्षेत्रीय सेवा प्रबंधक (ARM) रोताश कुमार ने आरोप लगाया है कि मेरठ के डिपो अधिकारियों द्वारा प्रत्येक दिन नोएडा डिपो की लगभग 40 बसों को बस स्टैंड में घुसने नहीं दिया जा रहा है। बसों को बस अड्डे के बाहर ही रोक दिया जाता है, जिससे यात्रियों को बस पकड़ने और उतरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस चालान तक कराने के आरोप
नोएडा डिपो के ARM का कहना है कि मेरठ डिपो के ARM विपिन अग्रवाल न सिर्फ बसों को रोक रहे हैं, बल्कि जानबूझकर पुलिस से बसों का चालान भी करवा रहे हैं। इससे ना सिर्फ बस चालकों और परिचालकों को मानसिक तनाव हो रहा है, बल्कि संचालन व्यवस्था भी चरमरा गई है।
मेरठ डिपो के ARM पर लगाए गंभीर आरोप
ARM रोताश कुमार ने मेरठ डिपो के ARM विपिन अग्रवाल पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने, अनुचित दबाव बनाने और आपसी समन्वय की भावना को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि "यह केवल विभागीय विवाद नहीं है, बल्कि इससे आम जनता और रोडवेज़ को सीधा नुकसान हो रहा है।"
शासन से हस्तक्षेप की मांग
इस पूरे विवाद के कारण आम यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। साथ ही रोडवेज़ को भी प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। ऐसे में दोनों डिपो के ARM की लड़ाई अब शासन के हस्तक्षेप की मांग कर रही है। यात्रियों और कर्मचारी संगठनों ने भी शीघ्र समाधान की अपील की है।