सीएमओ को लिखा शिकायत पत्र | पाठकराज
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नोएडा। सेक्टर 137 स्थित फेलिक्स अस्पताल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार आरोप है कि अस्पताल ने फुल बॉडी चेकअप के नाम पर एक महिला की बिना यूरिन सैंपल लिए ही उसकी रिपोर्ट तैयार कर दी। शिकायतकर्ता ने इस फर्जीवाड़े को लेकर जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है।
शिकायतकर्ता महिला बबिता ने हाल ही में फेलिक्स अस्पताल में फुल बॉडी चेकअप के लिए पंजीकरण कराया था। अस्पताल द्वारा चेकअप की प्रक्रिया के दौरान उनसे यूरिन सैंपल मांगा ही नहीं गया, लेकिन जब रिपोर्ट आई तो उसमें यूरिन एनालिसिस की पूरी रिपोर्ट मौजूद थी, जिससे संदेह गहराया। महिला के बेटे ने जब रिपोर्ट की वैधता को लेकर सवाल उठाए तो मामला और गंभीर हो गया।
बबिता के बेटे ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि "यह सिर्फ हमारी मां के साथ नहीं, औरों के साथ भी हो सकता है। यह अस्पताल में चल रहा एक बड़ा खेल हो सकता है। हम चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।" लिखित शिकायत जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी है। उन्होंने मांग की है कि अस्पताल की जांच की जाए और यदि फर्जीवाड़ा साबित हो तो फेलिक्स अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
फेलिक्स अस्पताल की चुप्पी
खबर लिखे जाने तक पाठकराज द्वारा संपर्क करने पर अब तक अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि यदि आरोप की पुष्टि होती है, तो अस्पताल को लाइसेंस और चिकित्सा सेवा मानकों के उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास की बड़ी चुनौती
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्राइवेट अस्पतालों में मेडिकल रिपोर्ट्स में धांधली आम बात हो चुकी है? यदि बिना जांच के रिपोर्ट बनाई जा रही हैं, तो यह न केवल मेडिकल एथिक्स का उल्लंघन है, बल्कि जनता की जान के साथ खिलवाड़ भी है।