Sunday, May 25, 2025 04:16:31 PM

बिहार में मिड डे मील की निगरानी
बिहार: मिड डे मील में गड़बड़ियों पर शिक्षा विभाग सख्त, हर दिन पोर्टल पर अपलोड होगी रिपोर्ट

बिहार के 71,567 प्रारंभिक विद्यालयों में मिड डे मील की नियमित ऑनलाइन निगरानी करने का निर्णय, अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिहार मिड डे मील में गड़बड़ियों पर शिक्षा विभाग सख्त हर दिन पोर्टल पर अपलोड होगी रिपोर्ट
मिड डे मील
पाठकराज

पटना। बिहार के करीब 71,567 प्रारंभिक विद्यालयों में अब मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) की नियमित ऑनलाइन निगरानी होगी। हर विद्यालय से यह रिपोर्ट ली जाएगी कि कितने बच्चों ने मिड डे मील खाया और कितने अनुपस्थित रहे। यह जानकारी हर दिन पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने मिड डे मील के संचालन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अब अनियमितता की स्थिति में केवल प्रधानाध्यापक ही नहीं, बल्कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ), जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जिला एवं प्रखंड साधनसेवी भी जिम्मेदार माने जाएंगे।

 

फर्जी उपस्थिति और मेन्यू से खिलवाड़ पर होगी कार्रवाई

डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि कई जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि मिड डे मील का संचालन निर्धारित मेन्यू के अनुसार नहीं हो रहा है। छात्रों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा, खाना समय पर न मिलना और केंद्रीयकृत रसोईघरों से कम मात्रा में भोजन की आपूर्ति जैसी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा, “केवल प्रधान शिक्षक पर कार्रवाई कर देना पर्याप्त नहीं है, संबंधित अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया जाएगा।”

 

केंद्रीयकृत रसोईघरों की निगरानी भी होगी कड़ी

कई जगहों से केंद्रीयकृत रसोईघरों में भोजन की गुणवत्ता खराब होने और छात्रों की संख्या से कम भोजन भेजे जाने की शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को गंभीर मानते हुए विभाग ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में केवल रसोईघर की राशि में कटौती नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।

 

नई व्यवस्था की प्रमुख बातें:

 

  • विद्यालय स्तर पर प्रतिदिन उपस्थिति और मिड डे मील की रिपोर्टिंग अनिवार्य

  • सभी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड होंगी

  • अनियमितता मिलने पर डीपीओ, प्रबंधक व साधनसेवी होंगे जवाबदेह

  • केंद्रीयकृत रसोईघरों की सप्लाई व गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ेगी

 

"बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मिड डे मील योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।"
— डॉ. एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग


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