नई दिल्ली (विकास राजपूत)। बकरीद नजदीक आते ही दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के आसपास की गलियों में एक बार फिर बकरों की शानदार मंडी सज चुकी है। देश के कोने-कोने से आए व्यापारी अपने चुनिंदा और दुर्लभ नस्लों के बकरे लेकर यहां पहुंचे हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश से आए इन बकरों की कीमतें 40 हजार से लेकर 3 लाख रुपये तक पहुंच रही हैं।
इस बार बाजार का सबसे बड़ा आकर्षण बना है बिट्टल नस्ल का पंजाबी बकरा, जिसे "गुलाबी बच्चा" भी कहा जा रहा है। यह नाम इस कारण पड़ा क्योंकि जन्म के समय ये बकरे गुलाबी रंग के होते हैं, हालांकि जैसे-जैसे बड़े होते हैं, इनका रंग सफेद हो जाता है। विक्रेता सुहेल कुरैशी के अनुसार, बिट्टल नस्ल के बकरों की कीमत डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख रुपये तक जा रही है। सरफराज का बकरा 'सिकंदर' तो बाजार की सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है। यह शानदार बकरा तीन लाख रुपये में बिका है। वहीं सबसे भारी बकरे का वजन लगभग 2 क्विंटल बताया गया है।
नस्लों का संगम
मीना बाजार की मंडी में इस बार सिरोही, जमुनापारी, बरबरी, तोतापरी, अजमेरा, बड़ौली और बिट्टल जैसी प्रमुख नस्लें देखने को मिल रही हैं।
तोतापरी बकरों की कीमत: ₹65,000–₹75,000
बरबरी (बिहार से): ₹10,000 से शुरू
अजमेरा, बड़ौली और जमुनापारी: ₹40,000–₹45,000
बकरों की सजावट भी बनी आकर्षण का केंद्र
मंडी में सिर्फ नस्ल ही नहीं, बकरों की सजावट भी लोगों को खींच रही है। रंग-बिरंगे हार, रिबन, टैग्स और पेंट से सजाए गए ये बकरे किसी शोपीस से कम नहीं लगते। कुछ बकरों के कानों में टैग लगे हैं जिन पर उनका नाम, नस्ल और वजन भी अंकित है।
मीना बाजार की यह मंडी बकरीद के पहले धार्मिक भावना और पशुप्रेम का अनूठा संगम बन चुकी है, जहां हर कदम पर सिर्फ एक ही चर्चा है—कौन सा बकरा सबसे खास?