फिरोजाबाद। गाजियाबाद से टूंडला लौट रहे एक युवक के साथ चलती ट्रेन में खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया। बदमाशों ने पहले उसे पीटा, फिर QR कोड स्कैन कर उससे 30 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए और उसके बाद चलती ट्रेन से नीचे धक्का देकर गिरा दिया। पीड़ित युवक की पहचान विवेक यादव के रूप में हुई है, जो मक्खनपुर के किशनपुर अमराजट का निवासी है।
घटना मंगलवार देर रात टूंडला स्टेशन से करीब 500 मीटर पहले की है। पीड़ित को गंभीर चोटें आई हैं। मामले की जांच जीआरपी टूंडला कर रही है।
घटना का सिलसिला: ट्रेन में पीछा, QR कोड स्कैन और धक्का
पीड़ित विवेक यादव, गाजियाबाद की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। मंगलवार रात 9:30 बजे वह वैशाली एक्सप्रेस से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में ही कुछ संदिग्ध लोग उसके पीछे लग गए। जब ट्रेन टूंडला स्टेशन के करीब पहुंची, तो बदमाशों ने:
पहले QR कोड स्कैन कराकर 30 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर करवाए
फिर विवेक से 9,000 रुपये नकद और मोबाइल लूट लिया
और अंत में उसे चलती ट्रेन से नीचे धक्का देकर खुद भी कूद गए
चोटिल हालत में टूंडला पहुंचे, पुलिस को दी तहरीर
घटना के बाद लहूलुहान अवस्था में विवेक किसी तरह टूंडला स्टेशन तक पहुंचे और जीआरपी थाने में घटना की जानकारी दी। सूचना मिलने पर उनके परिजन भी स्टेशन पहुंच गए। उन्हें तत्काल प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
इंस्पेक्टर अमित सिंह (जीआरपी, टूंडला):
“पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। QR कोड स्कैम के जरिए 30 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाने की पुष्टि हुई है। आरोपियों की पहचान के प्रयास जारी हैं।”
मोबाइल ट्रैकिंग और स्टेशन सीसीटीवी की मदद से जांच तेज
पुलिस ने बताया कि घटना से पहले और बाद में संदिग्धों की ट्रेन में गतिविधि का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही, मोबाइल लोकेशन और बैंक ट्रांजैक्शन ट्रेस किए जा रहे हैं। जीआरपी ने संबंधित बैंकों से संपर्क कर QR कोड और यूपीआई लेनदेन का डाटा मांगा है।
QR कोड स्कैम: ट्रेन यात्रियों के लिए नया खतरा
यह वारदात केवल ट्रेन लूट की नहीं, बल्कि एक खतरनाक डिजिटल ठगी के ट्रेंड की ओर भी इशारा करती है, जहां अपराधी पहले यात्रियों को डरा-धमका कर QR कोड स्कैन कराते हैं और फिर खाते से पैसे निकाल लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सोची-समझी ठगी की योजना है जिसमें अपराधी पहले से पीड़ित का विश्वास या डरावना माहौल बना कर डिजिटल भुगतान कराने पर मजबूर करते हैं।