नोएडा के रात की तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा। एक ओर जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसायटियां शहरी जीवनशैली का प्रतीक बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर इन इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में दो जगहों पर पॉश सोसायटी में अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ हुआ, जिसने पुलिस और स्थानीय निवासियों को झकझोर कर रख दिया है।
बिना सत्यापन रह रहे हजारों किरायेदार
सोसायटीज़ में ऑनलाइन एप्स के जरिए फ्लैट किराए पर लिए जा रहे हैं, बिना पुलिस वेरिफिकेशन के।
फ्लैट मालिक और किरायेदारों के बीच कोई प्रत्यक्ष संपर्क नहीं, सिर्फ डिजिटल ट्रांजैक्शन के माध्यम से डील हो रही है।
इससे पुलिस को पता ही नहीं चल पाता कि कौन कहां रह रहा है, और क्या गतिविधियां चल रही हैं।
सुरक्षा की अनदेखी: अपराधियों की सुरक्षित पनाहगाह
फर्जी आईडी, नकली दस्तावेज़ों के सहारे अपराधी इन इमारतों में पनाह ले रहे हैं।
हालिया कार्रवाई में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे किरायेदार बनकर अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी चला रहे थे।
पुलिस कमिश्नरेट का बयान: एओए और आरडब्ल्यूए निभाएं जिम्मेदारी
इस मामले को लेकर गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) राजीव नारायण मिश्र ने कहा:
“हाईराइज सोसायटियों में अधिकांश कॉन्टैक्टलेस किरायेदार और मकान मालिक होते हैं। ऐसे में अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) की जिम्मेदारी है कि वे पुलिस के साथ समन्वय बनाएं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें।” “नोएडा पुलिस बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन ड्राइव चलाएगी और सभी हाईराइज अपार्टमेंट्स में रहने वालों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा।”
जनता की मांग और सुझाव
सभी किरायेदारों का सत्यापन अनिवार्य किया जाए।
बिना सत्यापन के किराया देने पर फ्लैट मालिकों पर जुर्माना लगे।
AOA और RWA को हर किरायेदार की जानकारी पुलिस से साझा करनी हो।
पुलिस, AOA और सोसायटी सिक्योरिटी के बीच रियल टाइम कम्युनिकेशन चैनल बने।
"हाईराइज" सिर्फ इमारतें नहीं, अब सुरक्षा मानकों की भी जरूरत है।
अगर सुरक्षा में ऐसे ही लापरवाही होती रही, तो ऊंची इमारतें शहरी जीवन का सपना नहीं, अपराधियों की छिपी पनाहगाह बन जाएंगी।