Thursday, July 31, 2025 07:59:33 AM

नोएडा में महिला नेतृत्व
महिला नेतृत्व का नया युग: नोएडा की कमान अब 'शक्तियों' के हाथ में

नोएडा में जिलाधिकारी मेधा रूपम और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की नियुक्ति महिला सशक्तिकरण के नए दौर का प्रतीक है।

महिला नेतृत्व का नया युग नोएडा की कमान अब शक्तियों के हाथ में
नोएडा की डीएम और पुलिस कमिश्नर | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। यूपी की तकनीकी राजधानी कहे जाने वाले नोएडा में अब प्रशासन की बागडोर पूरी तरह महिला अधिकारियों के हाथों में आ गई है। जिले की जिलाधिकारी मेधा रूपम और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह — दोनों शीर्ष पदों पर सशक्त, कुशल और प्रभावशाली महिला अधिकारी तैनात की गई हैं। यह सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण के बदलते दौर की गूंज है, जिसमें महिलाएं अब प्रशासन और कानून-व्यवस्था की अग्रिम पंक्ति में दिखाई दे रही हैं।

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पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह: कानून के साथ न्याय की भी लड़ाई

लक्ष्मी सिंह, 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी, प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बनी थीं। वे लगातार यह संदेश देती रही हैं कि "सख्ती के साथ संवेदनशीलता" ही आधुनिक पुलिसिंग की पहचान है। अब उन्हें एक नई चुनौती का सामना करना है। हाल ही में डीजीपी के आदेश में साफ कहा गया है कि "बिना पर्याप्त साक्ष्य किसी भी सिविल मामले को जबरन क्रिमिनल केस में न बदला जाए।" गौतमबुद्ध नगर में एक ऐसे ही मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाना पड़ा, जहां पुलिस की लापरवाही सामने आई। लक्ष्मी सिंह के लिए अब जिम्मेदारी दोगुनी है — कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ पुलिस की कार्यप्रणाली में न्यायप्रिय सुधार लाना। उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायक है — वे एक जनप्रतिनिधि की पत्नी हैं, फिर भी पूरी तरह स्वतंत्र निर्णयकर्ता के रूप में जानी जाती हैं।

 

डीएम मेधा रूपम: प्रशासनिक दक्षता की अग्निपरीक्षा

मेधा रूपम, जो कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की सुपुत्री हैं, एक तेजतर्रार और योजनाशील आईएएस अधिकारी मानी जाती हैं। उनके लिए पहला दिन ही परीक्षा बन गया — नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे तीनों प्राधिकरणों के बाहर किसानों की महापंचायत, उनकी पहली प्रशासनिक चुनौती रही। इन किसान आंदोलनों के पीछे कई मुद्दे हैं — भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, मुआवज़ा वितरण, और बिचौलियों की भूमिका। साथ ही, उनके सामने जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, जैसी योजनाओं के बीच संतुलन साधने की चुनौती भी है। लेकिन मेधा रूपम के लिए यह केवल प्रशासन नहीं, एक परिवर्तनकारी नेतृत्व का मौका भी है।

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एक नई उम्मीद: महिला नेतृत्व और नीति में संवेदनशीलता

 इन दोनों अधिकारियों की तैनाती को केवल प्रशासनिक फेरबदल कहना गलत होगा। यह महिला नेतृत्व के नए अध्याय की शुरुआत है। नोएडा जैसे शहरी, औद्योगिक और जटिल सामाजिक-संरचना वाले जिले में महिला नेतृत्व का आना यह संकेत देता है कि महिला अधिकारी सिर्फ कुशल प्रशासक ही नहीं, समाज की विविध परतों की बेहतर समझ रखने वाली नीति-निर्मात्री भी हैं। इन दोनों के नेतृत्व में जनसुनवाई, महिला सुरक्षा, पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही में व्यापक सुधार की उम्मीद की जा रही है। 


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