सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा। नोएडा में ड्रग्स का नेटवर्क अब यूनिवर्सिटी, कॉलेज और हॉस्टल तक पहुंच गया है। हाल ही में सामने आए मामलों से पता चला है कि नशे के सौदागर अब छात्रों को अपना मुख्य टारगेट बना रहे हैं। इस अवैध धंधे में हाई-प्रोफाइल सिंडिकेट, सोशल मीडिया और डार्क वेब जैसे माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
कॉलेजों और हॉस्टलों में सक्रिय नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया है कि शहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों, निजी कॉलेजों और छात्रावासों में ड्रग्स की खपत तेजी से बढ़ रही है। तस्कर युवाओं को निशाना बना कर ड्रग्स की लत में फंसा रहे हैं। इन जगहों पर एमडीएमए, गांजा, चरस, कोकीन और ओजी गांजा जैसे नशे के पदार्थ खपाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया बना जरिया
ड्रग डीलर टेलीग्राम, व्हाट्सएप, स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर लेते हैं और फिर बाइक के ज़रिए छात्रों के हॉस्टल या पीजी तक माल पहुंचाया जाता है। कई बार पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी या ऑनलाइन माध्यम से की जाती है, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है।
पुलिस कर रही है कड़ी निगरानी
नोएडा पुलिस ने हाल ही में कई ऐसे युवाओं को गिरफ्तार किया है जो नशे की डिलीवरी और बिक्री में शामिल थे। पुलिस का कहना है कि शिक्षण संस्थानों के आस-पास सीसीटीवी निगरानी, गुप्त टीमों की तैनाती, और जागरूकता अभियान तेज किए जा रहे हैं।
चिंता का विषय
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युवा पीढ़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में
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उच्च शिक्षा संस्थान बन रहे ड्रग सिंडिकेट के निशाने पर
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परिवार और समाज में बढ़ रही चिंता