Saturday, July 05, 2025 04:14:21 AM

फोटो से मिला फिटनेस, 5 की जान गई
किसान पथ बस अग्निकांड में बड़ा खुलासा, गोरखपुर के आरआई निलंबित

सिर्फ एक फोटो पर जारी किया गया फिटनेस प्रमाणपत्र, न आपात द्वार था न सीट का लेआउट; विभागीय जांच शुरू

किसान पथ बस अग्निकांड में बड़ा खुलासा गोरखपुर के आरआई निलंबित
किसान पथ पर इसी बस में लगी थी आग | पाठकराज
पाठकराज

लखनऊ। किसान पथ पर गुरुवार को हुई स्लीपर बस दुर्घटना के मामले में परिवहन विभाग की लापरवाही उजागर हो गई है। बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही बस (यूपी 17 एटी 6372) में आग लगने से 5 यात्रियों की मौत और 13 घायल हुए थे। अब सामने आया है कि बस को फिटनेस प्रमाणपत्र सिर्फ एक फोटो के आधार पर जारी किया गया था।

गोरखपुर आरटीओ में हुई इस घोर लापरवाही के लिए तत्कालीन संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) राघव कुमार कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है। वह इस समय बरेली में तैनात थे। मामले की विभागीय जांच वाराणसी के संभागीय परिवहन अधिकारी शिखर ओझा को सौंपी गई है, जो तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेंगे।

 

'एनीवेयर फिटनेस' प्रणाली में खामी या मिलीभगत?

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि बस को 8 अप्रैल 2024 को एनीवेयर फिटनेस प्रणाली के तहत गोरखपुर से फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया गया। लेकिन जांच में पाया गया कि दस्तावेज में केवल एक ही फोटो अपलोड की गई थी, जबकि नियमों के अनुसार वाहन के विभिन्न हिस्सों की अलग-अलग तस्वीरें अनिवार्य हैं। इतना ही नहीं, बस में एआइएस-119 मानकों के अनुरूप आपातकालीन निकास द्वार नहीं था, और सीट लेआउट भी मानक के अनुरूप नहीं था। यानी कागजों पर ही बस को सुरक्षित घोषित कर दिया गया।

 

राज्यभर में शुरू हुई जांच

इस मामले के बाद परिवहन विभाग ने 'एनीवेयर फिटनेस' प्रणाली के दुरुपयोग की व्यापक जांच शुरू कर दी है। पिछले एक वर्ष में जारी सभी फिटनेस प्रमाणपत्रों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। इसकी अध्यक्षता अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह कर रहे हैं। समिति को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू की गई 'एनीवेयर फिटनेस' प्रणाली का इस तरह दुरुपयोग पूरे सिस्टम की साख पर सवाल खड़ा करता है। यदि समय रहते कड़ी निगरानी और जवाबदेही तय नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं।


 


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