Thursday, May 22, 2025 10:15:12 PM

धनबाद में सर्जिकल ड्रम की अदला-बदली
सर्जरी नहीं राशन! धनबाद के अस्पतालों में स्वास्थ्य नहीं, संवेदनहीनता की सप्लाई

धनबाद में स्वास्थ्य विभाग ने गलती से सर्जिकल ड्रम की जगह राशन ड्रम की सप्लाई कर दी, जिसका उपयोग खाने की सामग्री स्टोर करने में किया जाता है।

सर्जरी नहीं राशन धनबाद के अस्पतालों में स्वास्थ्य नहीं संवेदनहीनता की सप्लाई
ड्रम की प्रतीकात्मक तस्वीर
पाठकराज

धनबाद। झारखंड के धनबाद में स्वास्थ्य विभाग ने साबित कर दिया है कि सरकारी सिस्टम कल्पनाशक्ति में किसी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं। ऑपरेशन थिएटर के लिए मंगाए गए सर्जिकल ड्रम की जगह विभाग ने ऐसे राशन वाले ड्रम की सप्लाई कर दी है, जिसमें आमतौर पर दाल-चावल या गेंहूं रखा जाता है।

खबर है कि दिसंबर 2024 में सर्जिकल ड्रम के नाम पर ये चमचमाते एल्यूमीनियम के ‘मल्टीपर्पज’ राशन ड्रम खरीदे गए और अब 5 महीने से वेयरहाउस में किसी शादी की बारात का इंतज़ार कर रहे हैं। इन ड्रमों की किस्मत में ऑपरेशन थिएटर नहीं, शायद किसी राशन दुकान की शोभा बढ़ाना लिखा था।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए सर्जिकल ट्रे और सर्जिकल ड्रम खरीदने थे। विभाग की ओर से सर्जिकल ट्रे तो खरीद लिए गए, लेकिन ड्रम खरीदने में गड़बड़ी हो गई है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए सर्जिकल ड्रम खरीदने थे, लेकिन इसकी जगह पर सामान्य राशन ड्रम की खरीदारी हो गई है। दिसंबर 2024 में ही सर्जिकल ड्रम की जगह राशन ड्रम की खरीदारी हो गई है और यह ड्रम पिछले 5 महीने से जिले के वेयरहाउस में पड़े हुए हैं। धनबाद में लगभग 170 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं।

 

ऑपरेशन थिएटर में अचार रखेंगे?

विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्जिकल ड्रम एक तकनीकी उपकरण होता है, जिसमें औजार और स्टरलाइज्ड चीजें रखी जाती हैं। लेकिन विभाग ने जो भेजा है, उसमें तो घर की चाय-पत्ती और आटा भी ठीक से स्टोर किया जा सकता है। अगली योजना में शायद स्टेथोस्कोप की जगह लोटा भेजा जाए – “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” की सच्ची मिसाल!

 

बेहोशी की दवा या नींद की गोली?

इससे भी कमाल ये कि सदर अस्पताल में अनावश्यक बेहोशी की दवा सप्लाई की गई है। डॉक्टर मांग रहे थे एनोवीन, और भेज दी गई कोई ऐसी दवा जो शायद नींद भी न लाए, लेकिन ज़िम्मेदारों की नींद उड़ जाए – ऐसा भी नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक, सप्लाई एक ऐसी एजेंसी से हुई है जो सिंदरी में दिखती है लेकिन पते में रांची की है। यानी दवा सप्लाई नहीं, ‘जादू’ हो रहा है।

 

सरकारी बयान – “जांच कर रहे हैं, जल्दी ही कुछ करेंगे…”

जैसे ही मामला उजागर हुआ, स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और बयान आया – "आपूर्ति की गई सामग्री की जांच की जा रही है।" यानी ड्रम देखकर अब तय किया जाएगा कि यह "ऑपरेशन" के लिए ठीक है या "भुजिया स्टोर" के लिए।

धनबाद में 170 से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, लेकिन व्यवस्था देखकर यही लगता है कि भगवान भरोसे चल रहे हैं। ऑपरेशन से पहले दवा मिले न मिले, अचार रखने के ड्रम ज़रूर मिल रहे हैं। आख़िर में बस इतना कह सकते हैं “स्वास्थ्य विभाग का मिशन – ऑपरेशन से पहले राशन।”


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