इस तरह की कॉलोनियों के नहीं है दस्तावेज | पाठकराज
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जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के तहत हो रहे भूमि अधिग्रहण और विस्थापन में अनुचित लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में बाहरी लोगों द्वारा गांवों में अवैध मकान बनाए जाने और दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। यह खुलासा सांख्यिकीय गणना के दौरान हुआ, जिसे तीसरे चरण के विस्थापन के प्रशासक द्वारा स्वीकार किया गया है।
प्रशासन के अनुसार, बाहरी लोगों ने प्रभावित गांवों में मकान खरीदने के साथ ही अपने आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों में पता भी बदलवा लिया है, ताकि वे विस्थापन के लाभ के पात्र बन सकें। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को लाभ नहीं दिया जाएगा और इन मामलों की अलग से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
तीसरे चरण में होंगे गांव, मंदिर, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र विस्थापित
एयरपोर्ट विस्तार के तीसरे चरण में जेवर क्षेत्र के 14 गांवों की 1857 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। रनवे और अन्य निर्माण कार्यों के कारण नीमका, ख्वाजपुर, थोरा, बनवारीवास, रामनेर, किशोरपुर और जाफराबाद गांवों का पूरा विस्थापन होगा। यहाँ के करीब 14,600 परिवारों को विस्थापित कर मंगरौली के पास 339 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जाएगा।
इन गांवों में कुल 20 स्कूल, 3 स्वास्थ्य केंद्र, 36 मंदिर, 2 मस्जिद, 5 पंचायत घर और 4 खेल मैदान भी हैं, जिनका भी विस्थापन किया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि पुनर्वास योजना के तहत इन सभी सुविधाओं को नई टाउनशिप में पुनर्स्थापित किया जाएगा। सांख्यिकीय गणना के अनुसार, विस्थापित होने वाले परिवारों में से 60 प्रतिशत की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। विस्थापन के बाद लगभग 5,000 परिवार भूमिहीन हो जाएंगे।
कुल अधिग्रहण और भविष्य की योजना
2019 से शुरू हुई इस परियोजना में पहले और दूसरे चरण में 2,699 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। तीसरे चरण के बाद एयरपोर्ट के लिए कुल 5,000 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध हो जाएगी। प्रस्तावित योजना के अनुसार छह रनवे, दो टर्मिनल, एमआरओ, कार्गो हब और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वार्षिक यात्री क्षमता 1.2 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
प्रशासन की सख्ती
इस विषय पर उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है,
"कुछ बाहरी लोगों ने अनुचित लाभ लेने के उद्देश्य से फर्जी तरीके से मकान बनाकर दस्तावेजों में पता बदलवाया है। लेकिन योजना का लाभ केवल वास्तविक, स्थायी निवासियों को ही मिलेगा। ऐसे मामलों की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को लाभ नहीं मिलेगा।"