आबाकरी कार्यालय के बाहर पीड़ित महेश | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जगत फार्म स्थित एक मॉडर्न शॉप पर काम करने वाले सेल्समैन महेश कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि आबकारी विभाग के एक इंस्पेक्टर ने उसे बुरी तरह पीटा और जबरन शराब पिलाई। यह घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। हालांकि पूरे मामले में जिला आबकारी विभाग की तरफ से दुकानदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
क्या है मामला
पीड़ित के अनुसार, आबकारी इंस्पेक्टर चंद्रशेखर दुकान पर पहुंचे और शराब की बोतल पर अधिक कीमत वसूलने का आरोप लगाकर लाठी से पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उसे जबरन डेल्टा स्थित आबकारी कार्यालय ले जाया गया, जहां उसके साथ जबरन शराब पिलाकर मारपीट की गई। पीड़ित के मुताबिक, इस हमले में उसे पैर और पेट में गंभीर चोटें आई हैं। शनिवार को महेश के परिवार ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर दोषी इंस्पेक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
लगातार होती है उगाही की कोशिश?
महेश ने आरोप लगाया कि आबकारी विभाग के कर्मचारी अक्सर उगाही के लिए दुकान पर आते हैं और पैसे न देने पर मारपीट व धमकी दी जाती है। यह एक संगठित शोषण का मामला बनता जा रहा है, जिस पर प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है।
शराब दुकानों की मनमानी, जनता परेशान
ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में शराब विक्रेताओं की मनमानी कोई नई बात नहीं है। कई दुकानों पर एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेची जाती है, लेकिन शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होती। ग्राहकों को बिल नहीं दिया जाता और विरोध करने पर अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ता है।
कौन कर रहा था ओवर रेटिंग: सेल्समैन या संचालक?
अब सवाल यह उठ रहा है कि ओवर रेटिंग के लिए ज़िम्मेदार कौन था? क्या दोष सिर्फ सेल्समैन महेश कुमार का था या फिर दुकान संचालक की मिलीभगत भी इसमें शामिल थी? आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर पर ठेके के संचालक पर कार्रवाई न कर केवल सेल्समैन को निशाना बनाने का आरोप भी लग रहा है।
आबकारी विभाग की कमजोर निगरानी व्यवस्था
शराब दुकानों पर ओवररेटिंग और उगाही जैसी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि आबकारी विभाग की निगरानी व्यवस्था बेहद कमजोर है। विभाग के अधिकारी या तो मूकदर्शक बने रहते हैं या कहीं-न-कहीं मिलीभगत के आरोप झेलते हैं। इस मामले ने आबकारी विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।