शारदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा, 31 मई। केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू शनिवार को शारदा विश्वविद्यालय, नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक विशेष सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन का विषय था: “स्वदेशी पुनरुत्थान की दिशा में औपनिवेशिक ढांचे को समाप्त करना”। अपने संबोधन में मंत्री रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि सशक्त हुई है। अब विदेशों में रहने वाले भारतीय न केवल गर्व से खुद को भारतीय बताते हैं, बल्कि हिंदी में संवाद करने से भी नहीं हिचकते। "हम अपनी संस्कृति को खोते जा रहे हैं और विदेशी कल्चर को तेजी से अपना रहे हैं। जब तक हमारी जड़ें मजबूत नहीं होंगी, हम वैश्विक मंच पर स्थिरता नहीं पा सकते।" किरेन रिजिजू ने युवाओं से अपील की कि वे अपनी मातृभाषा, परंपराओं और गांवों से जुड़ाव बनाए रखें। मंत्री ने कहा कि भारत की सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध सभ्यताओं में से एक है और इसे संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पी.के. गुप्ता ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए एकजुट प्रयास किए जाने चाहिए। "देश की प्रगति उसकी ईमानदारी और संस्कृति पर निर्भर करती है। छात्रों को अपने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को जानना और दूसरों को बताना चाहिए।"