Sunday, August 10, 2025 10:23:07 AM

दिल्ली अपनाएगी फ्लाईओवर नीति
दिल्ली सरकार शुरू करेगी 'एडॉप्ट ए फ्लाईओवर' नीति

दिल्ली सरकार ने फ्लाईओवरों के सौंदर्यीकरण और उपयोगी बनाने के लिए 'एडॉप्ट ए फ्लाईओवर' नीति की घोषणा की। निजी कंपनियां और एनजीओ सहयोगी बनेंगे।

दिल्ली सरकार शुरू करेगी एडॉप्ट ए फ्लाईओवर नीति
प्रतिकात्मक फोटो | पाठकराज
पाठकराज

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार जल्द ही राजधानी के फ्लाईओवरों को सुंदर और उपयोगी बनाने के लिए 'एडॉप्ट ए फ्लाईओवर' नीति शुरू करने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) इस नीति पर काम कर रहा है, जिसके तहत निजी कंपनियां, गैर-लाभकारी संगठन और अन्य संस्थाएं फ्लाईओवरों को गोद लेकर उनकी देखभाल और सौंदर्यीकरण करेंगी।

 

100 से अधिक फ्लाईओवर होंगे नीति के दायरे में

राजधानी में PWD के अधीन 100 से अधिक फ्लाईओवर हैं, जिनके नीचे की जगह अक्सर कचरे और अतिक्रमण से भरी रहती है। नई नीति का उद्देश्य इन जगहों का सामुदायिक और सौंदर्यात्मक उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके लिए PWD टेंडर जारी करेगा, जिसके तहत एक कंपनी को एक पैकेज में पांच फ्लाईओवर गोद लेने का मौका मिलेगा।

 

खेल के मैदान, ओपन जिम और लाइब्रेरी बनेंगे फ्लाईओवर के नीचे

नीति के तहत गोद लेने वाली संस्थाएं:

  • फ्लाईओवर के नीचे की जगह को खेल का मैदान, ओपन जिम, लाइब्रेरी आदि के रूप में विकसित कर सकती हैं।

  • दीवारों और खंभों पर स्ट्रीट आर्ट से सौंदर्यीकरण करेंगी।

  • साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी निभाएंगी।

हालांकि, फ्लाईओवर की मरम्मत और संरचनात्मक रखरखाव PWD के ही अधीन रहेगा

 

बेहतरीन काम पर मिलेगा सम्मान

इस नीति के तहत कंपनियों को एक साल का अनुबंध दिया जाएगा। कार्य की गुणवत्ता के आधार पर गोल्ड और प्लेटिनम रेटिंग प्रदान की जाएगी। यदि यह नीति सफल रही तो सबवे और अंडरपास भी इसमें शामिल किए जाएंगे।

 

फुटओवर ब्रिज पर विज्ञापन नीति और सफाई व्यवस्था में बदलाव

  • फुटओवर ब्रिज (FOB) पर विज्ञापन से राजस्व अर्जन की नीति भी तैयार है, जिसे अब एमसीडी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा

  • PWD ने ड्रेनेज और सफाई के अनुबंध नियमों में भी बदलाव किया है। अब ठेकेदारों को 24 घंटे के भीतर नालियों से गाद और मलबा हटाना अनिवार्य होगा।

 

पिछला प्रयास हुआ था असफल

आप सरकार के कार्यकाल में लाजपत नगर फ्लाईओवर के नीचे बैडमिंटन कोर्ट, ओपन जिम और योग क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने इसे मंजूरी नहीं दी थी।


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