राहुल गांधी के बिहार दौरे की तस्वीरें
पाठकराज
नई दिल्ली : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस ने दलित वोट बैंक पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बिहार के लगातार दौरे और दलित नेतृत्व को महत्वपूर्ण पद देने से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस इस बार दलित समुदाय को मजबूत तरीके से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस ने बिहार प्रभारी के तौर पर कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राजेश कुमार को नियुक्त किया है, जो दोनों दलित समुदाय से आते हैं। इसके अलावा पार्टी ने सुशील पासी को सह प्रभारी बनाया है। ये सभी कदम पार्टी की दलित राजनीति को मज़बूती देने के इरादे को दर्शाते हैं।
राहुल गांधी ने हाल ही में दरभंगा में अंबेडकर की तस्वीर के साथ ‘जय भीम’ के नारे लगाकर दलित मतदाताओं को संदेश दिया। उन्होंने SC/ST छात्रों से मुलाकात की और केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने की मांग को फिर से उठाया। साथ ही निजी शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कांग्रेस ने नीतीश सरकार पर भी आरोप लगाया है कि वह SC-ST सब प्लान के तहत फंड नहीं दे रही है, जो दलित विकास योजनाओं को प्रभावित कर रहा है। पार्टी ने दलित नेता जगलाल चौधरी की 130वीं जयंती मनाकर भी दलित समुदाय में अपनी पैठ बनाने का प्रयास किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में लगभग 19 प्रतिशत दलित वोट चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस की यह रणनीति न केवल बिहार की राजनीति में बल्कि पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में भी पार्टी की स्थिति मजबूत कर सकती है। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस का यह नया दलित मिशन बिहार में उसे सत्ताधारी दलों के खिलाफ बढ़त दिला पाएगा या नहीं, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
मुख्य बिंदु:
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राहुल गांधी का बिहार में लगातार दौरा
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दलित नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति
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अंबेडकर व ‘जय भीम’ के जरिए दलितों तक पहुंच
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जातीय जनगणना और आरक्षण पर जोर
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नीतीश सरकार पर दलित विकास योजनाओं में अनदेखी का आरोप
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बिहार में दलित वोट बैंक का चुनावी महत्व