नोएडा सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन पर जमा ऑटोवाले
पाठकराज
नोएडा (विकास राजपूत)। अगर आप नोएडा या ग्रेटर नोएडा में रहते हैं और ऑटो रिक्शा से रोज सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। शहर में 856 ऑटो रिक्शा ऐसे हैं जिनकी फिटनेस जांच नहीं हुई है। ये सभी ऑटो फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना सड़क पर दौड़ रहे हैं, जो कि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल 24,112 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं। इनमें 17,009 पेट्रोल/सीएनजी ऑटो और 7,103 इलेक्ट्रिक ऑटो शामिल हैं। एआरटीओ (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि इनमें से 856 ऑटो की फिटनेस वैध नहीं रही, और इन्हें एक्सपायर्ड घोषित किया जा चुका है। संबंधित ऑटो मालिकों को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन फिटनेस जांच नहीं कराई गई।
अब तक 549 चालान, 279 ऑटो सीज
अप्रैल 2025 से अब तक 549 ऑटो चालान किए जा चुके हैं और 279 ऑटो को सीज किया गया है। एआरटीओ का कहना है कि ऐसे वाहनों का संचालन पूरी तरह अवैध है। सड़क पर दौड़ते पाए जाने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बिना फिटनेस ऑटो में सफर करना जोखिम भरा
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बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के ऑटो में सफर करना यात्री और चालक दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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यदि दुर्घटना होती है तो बीमा क्लेम भी खारिज हो सकता है।
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यात्री को नहीं मिलेगा बीमा सुरक्षा का लाभ।
जागरूक नागरिकों से अपील
परिवहन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उनके आसपास कोई जर्जर या बिना फिटनेस का वाहन सड़कों पर दौड़ता नजर आए, तो इसकी सूचना सेक्टर-33 स्थित परिवहन विभाग कार्यालय, नोएडा में दें। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। "सड़कों पर चलने वाले हर वाहन की जिम्मेदारी मालिक की है। हम यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे।"
— डॉ. उदित नारायण पांडेय, एआरटीओ (प्रवर्तन), नोएडा