Friday, May 16, 2025 02:29:18 AM

घोटाले के चलते कोर्ट ने पूरे पैनल को किया रद्द
भ्रष्टाचार के बली क्यों चढ़ी बंगाल में 26000 शिक्षकों की नौकरी

सीबीआई को जांच सौंपी गई. जांच के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया और उनकी महिला मित्र के पास से ₹100 करोड़ की नकदी बरामद हुई, जिसे भर्ती घोटाले से जुड़ा बताया गया.

भ्रष्टाचार के बली क्यों चढ़ी बंगाल में 26000 शिक्षकों की नौकरी
बंगाल सरकार को लगा झटका
पाठकराज

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है. देश की सर्वोच्च अदालत ने वर्ष 2016 में हुई स्कूल सर्विस कमिशन शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को गंभीर अनियमितताओं और घोटाले के चलते अवैध करार देते हुए पूरे पैनल को रद्द कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से करीब 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी पर सीधा असर पड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि नियुक्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और कई योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज करते हुए नियमों के खिलाफ जाकर नियुक्तियां की गईं. कोर्ट ने कहा कि यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा था, जिसमें कई स्तरों पर गड़बड़ी की गई. 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी. लेकिन जल्द ही उस पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगे. हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर होने के बाद एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई और सीबीआई को जांच सौंपी गई. जांच के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया और उनकी महिला मित्र के पास से ₹100 करोड़ की नकदी बरामद हुई, जिसे भर्ती घोटाले से जुड़ा बताया गया.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार यह साबित नहीं कर पाई कि योग्य-अयोग्य उम्मीदवारों की अलग सूची कैसे बनाई जा सकती है, क्योंकि मूल OMR शीट नष्ट कर दी गई थीं. सीबीआई ने दलील दी कि कई ऐसे उम्मीदवारों को नौकरी दी गई जिन्होंने उत्तर पुस्तिका में कुछ भी नहीं लिखा था. सरकार ने नौकरियां रद्द होने पर शिक्षा व्यवस्था पर असर की बात कही, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने घोटाले की गंभीरता को देखते हुए SSC-2016 की पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया.

                    

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