सोसाइटी के दिवार पर लगी लिफ्ट की फोटो | पाठकराज
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नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की विक्ट्री वन सेंट्रल सोसायटी में एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जो रियल एस्टेट सेक्टर की सबसे अजीब और शर्मनाक मिसालों में गिना जा सकता है। यहां फ्लैट खरीदारों को वादा किया गया था कि हर टावर में दो लिफ्टें लगाई जाएंगी, लेकिन एक टावर में दूसरी लिफ्ट की जगह सिर्फ एक फुल HD पोस्टर चिपका मिला—जो दूर से देखने पर हूबहू असली लिफ्ट जैसा लगता है, लेकिन असल में वो सिर्फ एक प्रिंटेड फोटो है।
लोगों को मिला “आंखों का छलावा”, ना कि लिफ्ट सुविधा
विक्ट्री वन सेंट्रल के टावर में रहने वाले निवासी बताते हैं कि फ्लैट बुकिंग के समय बिल्डर ने ब्रोकशर, साइट विजिट और मौखिक आश्वासनों में दावा किया था कि दोनों लिफ्टें चालू होंगी। लेकिन जब वे रहने आए, तो पाया कि केवल एक लिफ्ट है, और दूसरी की जगह दीवार पर लिफ्ट का एक आकर्षक फोटो चिपका है। यह फोटो देखने में इतनी असली लगती है कि पहली बार में लोगों को धोखा हो जाता है।
लिफ्ट खराब, सीढ़ियां एकमात्र सहारा
यह टावर कुल 19 मंजिला है, लेकिन उसमें एक ही लिफ्ट है, जो अक्सर या तो बंद रहती है या “मेंटेनेंस में है” का बोर्ड लगाए रहती है। ऐसे में सोसायटी के निवासी, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और बीमार लोग शामिल हैं, उन्हें रोज़ाना सीढ़ियां चढ़नी पड़ रही हैं। कई बार स्कूल से लौटते बच्चों को 10वीं मंजिल तक बैग के साथ सीढ़ियां चढ़ते हुए देखा गया है।
निवासियों की आपबीती: “धोखा दिया गया, अब जीना मुश्किल हो गया”
सोसायटी के निवासी मनीष कुमार (नाम बदला गया) ने बताया,
“बिल्डर ने वादा किया था कि पूरी लिफ्ट सुविधा मिलेगी। लेकिन एक लिफ्ट खराब रहती है, दूसरी कभी थी ही नहीं। पोस्टर चिपकाकर हमें गुमराह किया गया। अब रोज़ 12वीं मंजिल तक चढ़ना पड़ता है। ये कोई छोटी बात नहीं है, ये धोखा है।”
एक अन्य महिला निवासी ने कहा,
“मेरे सास-ससुर बुजुर्ग हैं। उन्हें नीचे पार्क तक ले जाना भी अब एक बड़ा काम लगता है। हम तो सोच भी नहीं सकते कि अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हुई तो क्या होगा।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘पोस्टर वाली लिफ्ट’
लोगों ने जब इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, तो यह मामला देखते ही देखते वायरल हो गया। #PosterLift, #HDScam, #LiftKaDhoka जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग इस पर मीम्स भी बना रहे हैं, लेकिन जिन लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी इससे प्रभावित हो रही है, उनके लिए यह मज़ाक नहीं, बल्कि एक बड़ा धोखा है।
कानूनी पहलू: RERA के नियमों का खुला उल्लंघन
वकीलों और रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बिल्डर ने बुकिंग के समय लिफ्ट जैसी सुविधा का वादा किया और फिर उसे पूरा नहीं किया, तो यह सीधा-सीधा RERA (Real Estate Regulatory Authority) की धारा 12 और 18 का उल्लंघन है। इसके अंतर्गत खरीदारों को गुमराह करने, अनुबंध उल्लंघन और सेवाओं की कमी पर बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या कहता है कानून?
धारा 12: अगर प्रचार सामग्री में किसी सुविधा का वादा किया गया और वह पूरी नहीं हुई, तो बिल्डर दोषी माना जाएगा।
धारा 18: खरीदारों को मुआवजा मिल सकता है अगर निर्माण में वादों के अनुसार सुविधाएं न दी जाएं।
रेरा और अथॉरिटी से की गई शिकायत
निवासियों ने अब इस पूरे मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश रेरा, नोएडा प्राधिकरण और स्थानीय विधायक तक पहुंचाई है। वे मांग कर रहे हैं कि:
तत्काल दूसरी लिफ्ट लगाई जाए
बिल्डर पर जुर्माना और आपराधिक केस दर्ज हो
जो लोग मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हुए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए
बिल्डर की सफाई अब तक नहीं आई
इस घोटाले पर बिल्डर की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। कुछ स्थानीय कर्मचारियों ने “लिफ्ट जल्द लग जाएगी” कहकर मामले को टालने की कोशिश की, लेकिन 6 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है और अब तक कुछ नहीं हुआ।