Saturday, May 17, 2025 05:05:06 PM

12 साल पहले घुसपैठ कर देश में आए थे
मथुरा में दो ईंट भट्ठों से 90 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, पहचान छुपाकर कर रहे थे मजदूरी

12 साल पहले घुसपैठ कर देश में आए थे, राजस्थान-हरियाणा से होते हुए मथुरा पहुंचे; ठेकेदार की तलाश जारी

मथुरा में दो ईंट भट्ठों से 90 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार पहचान छुपाकर कर रहे थे मजदूरी
प्रतीकात्मक तस्वीर
पाठकराज

मथुरा। जिले के नौहझील थाना क्षेत्र में चलाए गए सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने दो ईंट भट्ठों से 90 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी पिछले पांच महीनों से पहचान छुपाकर मजदूरी कर रहे थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे करीब 12 वर्ष पूर्व अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और अब तक राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे।

 

एसएसपी के निर्देश पर चला सघन सर्च ऑपरेशन

एसएसपी श्लोक कुमार द्वारा आयोजित अपराध समीक्षा बैठक के बाद जिलेभर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में नौहझील पुलिस ने जरैलिया सेऊपट्टी स्थित आरबीएस ईंट उद्योग और मोदी ईंट उद्योग खाजपुर पर कार्रवाई की। पुलिस को मजदूरों की बोली और जवाबों में विरोधाभास नजर आया। खुद को बंगाल का निवासी बताने वाले ये मजदूर कोई भी अवैध दस्तावेज या पहचान पत्र नहीं दिखा सके। इस पर स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीम मौके पर पहुंची।

 

पूछताछ में खोला पूरा राज़

गिरफ्तार किए गए लोगों को जनता इंटर कॉलेज ले जाकर अलग-अलग पूछताछ की गई। सीओ मांट गुंजन सिंह की पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं और 12 साल पहले अवैध रूप से भारत आए थे। इनमें 35 पुरुष, 27 महिलाएं और 28 बच्चे शामिल हैं। पुलिस अब उन्हें काम पर लगाने वाले ठेकेदार और भट्ठा संचालकों की भूमिका की जांच कर रही है।

 

फॉरेनर्स एक्ट के तहत कार्रवाई

एसएसपी ने बताया कि सभी के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act) के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इन सभी को डीपोर्ट (निर्वासन) करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।

 

कम मजदूरी में बाहरी श्रमिकों को तरजीह

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एक ईंट भट्ठे पर 200 से अधिक मजदूर कार्य करते हैं। कम मजदूरी और लागत में बचत के लिए भट्ठा संचालक ठेकेदारों के जरिए बाहरी श्रमिकों को बुलाते हैं। ये मजदूर आमतौर पर 8 माह तक काम करने के बाद अन्य जिलों की ओर निकल जाते हैं। गिरफ्तार श्रमिकों ने भी पुलिस को बताया कि वे ठेकेदारों के माध्यम से मथुरा पहुंचे थे, और आगे अन्य राज्यों में भी जाने की योजना थी।


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