Friday, August 22, 2025 04:30:50 PM

तनावपूर्ण माहौल नोएडा बस डिपो में
नोएडा बस डिपो में क्षेत्रिय प्रबंधक पर लगा मनमानी का आरोप, चालकों और परिचालकों में असंतोष

नोएडा बस डिपो में क्षेत्रिय प्रबंधक मनोज कुमार द्वारा बढ़ते दबाव और लक्ष्य पूर्ति के लिए कर्मचारियों पर अनुचित तरीके से दबाव डाला जा रहा है।

नोएडा बस डिपो में क्षेत्रिय प्रबंधक पर लगा मनमानी का आरोप चालकों और परिचालकों में असंतोष
डिपो द्वारा चालकों के काटे गए वेतन का आदेश पत्र | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। नोएडा बस डिपो में क्षेत्रिय प्रबंधक मनोज कुमार की तानाशाही और कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव ने डिपो की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की मानसिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। चालकों और परिचालकों का आरोप है कि उन्हें रोज़ की निर्धारित इनकम पूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है और यदि वे यह लक्ष्य पूरा नहीं कर पाते तो उनके वेतन से पैसे काट लिए जाते हैं। इस वजह से डिपो का माहौल तनावपूर्ण हो गया है और कर्मचारी मानसिक दबाव में काम करने को मजबूर हैं।

 

क्षेत्रिय प्रबंधक पर दबाव बनाने का आरोप

कर्मचारियों का कहना है कि आरएम मनोज कुमार अक्सर एसी में बैठकर चालकों और परिचालकों पर दबाव डालते हैं। कर्मचारियों के अनुसार, आरएम का यह रवैया उन्हें असुरक्षित और तनावग्रस्त महसूस कराता है। कर्मचारियों ने बताया कि आरएम किसी भी छोटी गलती या निर्धारित इनकम के लक्ष्य न पूरे होने पर तुरंत कार्रवाई कर देते हैं, जिससे कर्मचारियों में डर और असंतोष बढ़ गया है।

संविदाकर्मी चालक सुभाष सिंह ने बताया कि उनके वाहन UP 78 JN 1470 का चालान 26 तारीख को काटा गया। पुलिस द्वारा चालान किए जाने के बावजूद RM ने उनसे 2000 रुपये काट लिए, जो उनके लिए अतिरिक्त आर्थिक दबाव बन गया। कर्मचारी बताते हैं कि यह केवल एक मामला नहीं है, बल्कि कई चालकों और परिचालकों के साथ ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

 

रोज़मर्रा की इनकम और कटौती का दबाव

चालकों और परिचालकों का कहना है कि उन्हें रोज़ाना की निर्धारित इनकम पूरी करने के लिए बाध्य किया जाता है। यदि किसी कर्मचारी की इनकम निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुँचती तो वेतन से पैसे काट दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया के कारण कर्मचारी तनाव में रहते हैं और कई बार मजबूरी में नियमों का पालन करते हुए भी गलत निर्णय लेने को मजबूर होते हैं।

कर्मचारी यह भी कहते हैं कि आरएम की तानाशाही के कारण कर्मचारियों में आपसी दूरी और डर की भावना बढ़ गई है। वे कार्यक्षमता के बजाय केवल लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस स्थिति का प्रत्यक्ष असर न केवल कर्मचारियों पर बल्कि बस डिपो की सेवाओं और यात्रियों की सुरक्षा पर भी पड़ रहा है।

 

डिपो प्रशासन का पक्ष

नोएडा बस डिपो प्रशासन का कहना है कि सड़क पर लापरवाह तरीके से बस चलाने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। अधिकारियों ने बताया कि बस चालकों को पहले ही चेतावनी दी जाती है कि यदि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया तो चालान राशि उनके वेतन से काटी जा सकती है।

प्रशासन ने यह भी कहा कि यह नियम कर्मचारियों की सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। हालांकि, कर्मचारियों का आरोप है कि आरएम इस नियम का इस्तेमाल अनुचित तरीके से दबाव बनाने के लिए करते हैं।

 

कर्मचारियों का तनाव और स्थिति

कर्मचारियों का कहना है कि आरएम की तानाशाही और लगातार दबाव उन्हें मानसिक रूप से कमजोर कर रहा है। कई चालकों और परिचालकों ने बताया कि वे तनाव में काम करने के कारण थकान, चिंता और मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों का मानना है कि इस स्थिति के कारण उनकी पेशेवर क्षमता पर भी असर पड़ा है और वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।

 

सुझाव और सुधार की जरूरत

कर्मचारियों का कहना है कि डिपो प्रशासन को आरएम और कर्मचारियों के बीच समन्वय और संवाद स्थापित करना चाहिए। कर्मचारियों को दबाव के बिना निर्धारित लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए उचित मार्गदर्शन और समर्थन दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि कटौती और चालान संबंधी नियमों को पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए और कर्मचारियों के आर्थिक हितों की रक्षा की जाए।


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