सीएमएस कार्यालय के बाहर नर्सिंग स्टाफ | पाठकराज
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नोएडा। सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में ड्यूटी प्रबंधन को लेकर विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. अजय राणा के बीच बढ़ती खींचतान का असर सीधे मरीजों की सेवाओं पर पड़ रहा है। शुक्रवार को नर्सिंग स्टाफ के एक गुट ने सीएमएस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई और ज्ञापन सौंपा।
नर्सिंग स्टाफ का आरोप – “ड्यूटी मनमाने ढंग से बदल दी जाती है”
प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उनकी ड्यूटी स्थायी रूप से तय होनी चाहिए, जिससे कार्य का प्रबंधन सुचारु रहे। लेकिन समय-समय पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के तबादले के बाद ड्यूटी आवंटन में मनमानी शुरू हो जाती है।
नर्सिंग स्टाफ इशा गुप्ता ने कहा,
“हमारी शिफ्ट पहले से तय रहती है ताकि मरीजों को बेहतर सेवा दी जा सके। लेकिन आपसी मतभेदों के चलते ड्यूटी बार-बार बदली जाती है। इससे न केवल स्टाफ असहज होता है बल्कि मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।”
सीएमएस का जवाब – “कई स्टाफ ड्यूटी जिम्मेदारी से नहीं कर रहे”
सीएमएस डॉ. अजय राणा ने नर्सिंग स्टाफ के आरोपों का खंडन करते हुए कहा,
“कुछ वरिष्ठ और कनिष्ठ नर्सिंग स्टाफ समय पर ड्यूटी नहीं करते और कार्य में लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में अस्पताल की सेवाएं बाधित होती हैं। ड्यूटी प्रबंधन में बदलाव इसलिए जरूरी है ताकि सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय हो सके और मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।”
विवाद का असर – मरीजों को झेलनी पड़ रही असुविधा
अस्पताल में आए कई मरीजों ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ और प्रबंधन के बीच विवाद का असर सीधे उन पर पड़ रहा है। कई बार जरूरी सेवाएं समय पर उपलब्ध नहीं होतीं और इलाज में देरी हो जाती है। एक मरीज के परिजन ने कहा,
“हमें दवाएं और नर्सिंग सेवाएं मिलने में काफी देर हो रही है। अस्पताल प्रबंधन को आंतरिक विवाद खत्म कर मरीजों की सुविधा पर ध्यान देना चाहिए।”
प्रदर्शन और मांगें
प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग स्टाफ ने अपनी मांगों का लिखित ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ड्यूटी आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो और किसी प्रकार का पक्षपात न किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
प्रशासन क्या करेगा आगे?
अस्पताल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जाएगी और कर्मचारियों से बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा। साथ ही जिला स्वास्थ्य विभाग भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।