Sunday, June 29, 2025 07:20:06 AM

श्रमिक संगठनों ने की प्रशासन से शिकायत
ग्रेटर नोएडा: श्री विनायक एक्सपो प्लाजा लिमिटेड पर 1.30 करोड़ से अधिक मजदूरी रोकने का आरोप

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विकास परियोजनाओं में श्रमिकों का शोषण बढ़ रहा है, विनायक एक्सपो प्लाजा लिमिटेड पर भुगतान न करने का आरोप।

ग्रेटर नोएडा श्री विनायक एक्सपो प्लाजा लिमिटेड पर 130 करोड़ से अधिक मजदूरी रोकने का आरोप
समूह के संस्थापक अंकुर मित्तल | पाठकराज
पाठकराज

ग्रेटर नोएडा।  नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ते रियल एस्टेट विकास के बीच श्रमिकों के शोषण के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। श्री विनायक एक्सपो प्लाजा लिमिटेड द्वारा बनवाए जा रहे एक वाणिज्यिक प्रोजेक्ट को लेकर साईं कंस्ट्रक्शन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि कंपनी ने 1 फरवरी 2022 से 31 दिसंबर 2023 तक प्रोजेक्ट साइट पर श्रमिकों से काम तो करवाया, लेकिन अब तक उनकी ₹1,30,17,000 की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।

 

ठेकेदार को न भुगतान, न जवाब

साईं कंस्ट्रक्शन ने बताया कि इस पूरे कार्यकाल में उन्होंने विनायक एक्सपो प्लाजा के लिए निर्माण कार्य कराया था, जिसमें सैकड़ों मजदूरों ने दिन-रात मेहनत की। लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने के बावजूद कंपनी की ओर से मजदूरी या ठेकेदारी राशि का भुगतान नहीं किया गया।

साईं कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधियों का कहना है कि उन्होंने कई बार विनायक ग्रुप के संस्थापक अंकुर मित्तल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

 

बिल्डरों की आम प्रवृत्ति बनता जा रहा है शोषण

ग्रेटर नोएडा में कई बिल्डर ऐसी ही रणनीति अपनाते हैं — ठेकेदारों के माध्यम से श्रमिकों से काम करवा लेना और भुगतान के वक्त चुप्पी साध लेना। मजदूरी न मिलने की वजह से श्रमिकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।

श्रमिक संगठनों का कहना है कि

"बिल्डर और डेवलपर्स ठेकेदारों को टालते हैं, जिससे अंततः श्रमिकों का मेहनताना फंस जाता है। यह मजदूरों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।"

 

जिला प्रशासन से की गई शिकायत

इस गंभीर मामले को लेकर श्रमिक संगठनों ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत की है। उन्होंने मांग की है कि श्री विनायक एक्सपो प्लाजा लिमिटेड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और बकाया मजदूरी का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित कराया जाए।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार,

"मामला संज्ञान में आया है। शिकायत की जांच के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिया गया है। यदि आरोप सही पाए गए, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।"


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