नोएडा। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी कर 2 करोड़ 39 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी मामले में नोएडा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने मथुरा और मुरादाबाद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खातों में ठगी के 18 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे।
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में मुकेश सक्सेना और अनीस शामिल हैं। मुकेश पेशे से अकाउंटेंट है, जबकि अनीस लोहे और स्टील का कारोबारी है। पूछताछ में पता चला कि मुकेश ने कर्ज के दबाव में आकर अनीस से संपर्क किया था, जिसके बाद दोनों ने फर्जी करंट अकाउंट खुलवाकर ठगी के पैसे उसमें मंगवाए और कमीशन लेकर आपस में बांट लिया।
जांच में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई:
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आरोपियों ने ठगी से मिले पैसे से कारोबार शुरू किए और आसपास के लोगों को भी "अकाउंट देकर अमीर बनने" के सपने दिखाए।
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पहले मथुरा के 18 वर्षीय युवक का सेविंग अकाउंट इस्तेमाल किया गया, फिर मुरादाबाद में 18 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए।
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साइबर ठग एक ही अकाउंट में बड़ी राशि न भेजकर देश के अलग-अलग हिस्सों में बैंक खातों का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन करते थे ताकि खाते फ्रीज होने से पहले पैसे निकाल लिए जाएं।
देशभर में फैला है नेटवर्क:
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मुकेश सक्सेना के अकाउंट में अब तक 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं, जो 18 केसों से जुड़े हैं।
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वहीं, अनीस के अकाउंट में 12 करोड़ रुपये आए हैं, जिनसे 15 अलग-अलग मामले जुड़े हैं।
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ठगी के ये पैसे दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से ट्रांसफर हुए हैं।
नोएडा साइबर सेल अब पूरे नेटवर्क की तह तक जाने के लिए फंड फ्लो, डिजिटल अकाउंटिंग और ट्रांजैक्शन चैनल की विस्तृत जांच कर रही है। पुलिस अन्य बैंक खातों और संलिप्त व्यक्तियों की भी तलाश कर रही है।