सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज
दिल्ली। दिल्ली के बाहरी-उत्तरी, उत्तरी-पश्चिमी और रोहिणी जिलों में पिछले एक महीने में हत्या की 11 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसने पुलिस की कार्यशैली और राजधानी की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरेआम हो रही इन हत्याओं से न सिर्फ लोग दहशत में हैं, बल्कि स्थानीय आरडब्ल्यूए और नागरिकों में भारी रोष भी है।
इन हत्याओं में से सबसे ज्यादा घटनाएं बाहरी-उत्तरी जिले में हुई हैं, जहां 6 लोगों की जान ली गई। पुलिस का कहना है कि इस क्षेत्र की सीमा हरियाणा से लगती है, जिससे अपराधी अक्सर वारदात के बाद वहां भाग जाते हैं। पुलिस का दावा है कि वह सीमा क्षेत्रों पर विशेष निगरानी कर रही है, लेकिन लगातार हो रही हत्याएं दर्शाती हैं कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
चाकू बना अपराधियों का मुख्य हथियार
अधिकतर मामलों में चाकू का इस्तेमाल किया गया, जो अपराधियों को आसानी से उपलब्ध हो जाता है। शवों को जलाने या छिपाने की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जिससे यह साफ होता है कि अपराधी अब ज्यादा संगठित और निडर हो चुके हैं।
पिछले 1 महीने की प्रमुख हत्या घटनाएं
तारीख |
स्थान |
घटना का संक्षिप्त विवरण |
1 जून |
बवाना |
पति ने पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी (अवैध संबंध के शक में) |
2 जून |
अलीपुर |
प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या, शव को जलाने की कोशिश |
10 जून |
अशोक विहार |
मामूली विवाद में युवक की चाकू से हत्या |
10 जून |
दक्षिण रोहिणी |
क्लब में पैर टकराने पर 13 वर्षीय नाबालिग की चाकू से हत्या |
11 जून |
स्वरूप नगर |
आपसी विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या |
13 जून |
बवाना |
मानसिक रूप से बीमार 17 वर्षीय किशोर की सड़क पर पटककर हत्या |
17 जून |
जहांगीरपुरी |
स्कूटी को लेकर हुए विवाद में युवक की चाकू से हत्या |
26 जून |
अमन विहार |
दो सगे भाइयों पर चाकू से हमला, एक की मौत, दूसरा घायल |
27 जून |
नांगल ठाकरान (बवाना) |
मार्निंग वॉक कर रहे व्यक्ति की गोली मारकर हत्या |
29 जून |
नरेला औद्योगिक क्षेत्र |
एक युवक की गला रेतकर हत्या, दूसरा शव झाड़ियों में अर्धजला मिला |
क्यों हो रही हैं इतनी हत्याएं?
अवैध संबंध, जमीन विवाद, आपसी रंजिश और मामूली झगड़े हत्या का कारण बन रहे हैं।
कई मामलों में आरोपी परिचित या पड़ोसी ही होते हैं।
चाकू आसानी से उपलब्ध होने और हथियारबंद युवाओं की बढ़ती संख्या भी एक बड़ा कारण है।
पुलिस का दावा और चुनौतियां
पुलिस का कहना है कि वह सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा रही है।
कुछ मामलों में आरोपी घटना से पहले ही पकड़ लिए गए थे, जबकि कुछ मामलों में घटना के बाद पहचान और गिरफ्तारी में देर हुई।
पुलिस यह भी कह रही है कि हर वारदात की जांच गंभीरता से की जा रही है और शिनाख्त और गिरफ्तारियां लगातार की जा रही हैं।
लोगों की मांग: सख्त कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों और आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों का कहना है कि:
"अब डर लगता है, खुलेआम हत्या हो रही है। पुलिस की मौजूदगी महसूस नहीं होती।"
"सीसीटीवी, गश्त और रात्रि पेट्रोलिंग को और बढ़ाया जाए।"
"हथियारों की आसान उपलब्धता पर प्रतिबंध लगे।"
"नाबालिगों की हिंसा में भागीदारी बढ़ रही है, इस पर तुरंत अंकुश जरूरी है।"