नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था। निर्दोष तीर्थयात्रियों पर गोलियां बरसाईं गईं, वो भी उनके परिवारों के सामने। इस क्रूरता ने देश के सब्र का बाँध तोड़ दिया। और अब, भारत ने इसका करारा जवाब दिया है — ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए।
भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। ये सभी ठिकाने आतंकियों के ट्रेनिंग और लॉन्चिंग पैड थे।
इस कार्रवाई के बाद देश में जहां एक ओर सैन्य बलों की सराहना हो रही है, वहीं शहीदों के परिजनों को कुछ सुकून मिला है।
"ये मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है"
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा:
“मैं अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। यही मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। मेरे पूरे परिवार को उन पर भरोसा था, और जिस तरह से उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उसने हमारे भरोसे को कायम रखा है।”
उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन आज वो आंसू ग़म के नहीं, गर्व के थे।
जब शौर्य ने लिया न्याय का रूप
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि:
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ऑपरेशन सिंदूर के तहत उन आतंकियों के अड्डों को नष्ट किया गया, जिन्होंने पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर हमला किया था।
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ये ठिकाने पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद थे और भारत के खिलाफ साजिशों का अड्डा बन चुके थे।
देश का संदेश साफ है
भारत अब दहशतगर्दी को सहन नहीं करेगा। अगर हमला होगा, तो जवाब भी उसी भाषा में दिया जाएगा।
साहिर लुधियानवी की पंक्तियां इस मौके पर एकदम मौजू लगती हैं:
“हम अमन चाहते हैं, मगर जुल्म के खिलाफ गर जंग लाज़मी है, तो फिर जंग ही सही।”