Thursday, June 26, 2025 08:17:46 PM

रिंकू सिंह BSA पद पर नियुक्त
सांसद के पति बनेंगे बेसिक शिक्षा अधिकारी: क्रिकेटर रिंकू सिंह को यूपी शिक्षा विभाग में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया, यह नियुक्ति अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता नीति के तहत की गई है।

सांसद  के पति बनेंगे बेसिक शिक्षा अधिकारी क्रिकेटर रिंकू सिंह को यूपी शिक्षा विभाग में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की तैयारी
सांसद प्रिया सरोज और क्रिकेटर रिंकू सिंह | पाठकराज
पाठकराज

लखनऊ/अलीगढ़। उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिंकू की हाल ही में समाजवादी पार्टी की मछलीशहर से सांसद बनीं प्रिया सरोज से सगाई हुई है, और अब उन्हें प्रदेश के शिक्षा विभाग में एक जिम्मेदार प्रशासनिक पद दिए जाने की खबर सामने आने के बाद सियासी हलकों से लेकर सोशल मीडिया तक बहस तेज हो गई है।

 

कौन हैं रिंकू सिंह?

भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे रिंकू सिंह ने IPL और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। उन्हें "फिनिशर" के तौर पर जाना जाता है और 2023 में उन्होंने आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के जड़कर क्रिकेट प्रेमियों के बीच खास पहचान बनाई थी।

 

नियुक्ति किस आधार पर?

रिंकू सिंह को यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की "अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता को राजपत्रित पदों पर नियुक्ति" संबंधी नीति के तहत दी जा रही है। इस नीति में यह प्रावधान है कि जो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, उन्हें योग्यता के आधार पर प्रशासनिक पदों पर सीधी नियुक्ति दी जा सकती है। इस नीति के तहत अब रिंकू सिंह को अलीगढ़ जिले में BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) नियुक्त किया जा सकता है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने उनके नाम की सिफारिश के साथ नियुक्ति प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।

 

BSA पद की अहमियत क्या है?

BSA यानी बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की निगरानी, शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण से लेकर शिक्षा गुणवत्ता सुधार तक का होता है। यह पद बेहद अहम और प्रशासनिक रूप से चुनौतीपूर्ण माना जाता है।

विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि रिंकू सिंह की शैक्षणिक योग्यता केवल 8वीं कक्षा तक है। विपक्ष और कुछ शिक्षाविद् सवाल उठा रहे हैं कि इतनी कम शिक्षा के बावजूद उन्हें शिक्षा विभाग का एक वरिष्ठ पद कैसे सौंपा जा सकता है?

वहीं, कुछ लोग इसे राजनीतिक दबाव और "नेता-खिलाड़ी गठजोड़" का उदाहरण बता रहे हैं, क्योंकि रिंकू की सगाई समाजवादी पार्टी की नव निर्वाचित सांसद प्रिया सरोज से हो चुकी है। सोशल मीडिया पर भी सवाल पूछे जा रहे हैं – क्या यह नियमों की आड़ में ‘संबंधों की नियुक्ति’ है?

 

सरकार का पक्ष

राज्य सरकार का कहना है कि रिंकू सिंह की नियुक्ति पूरी तरह नीति सम्मत है और खेलों में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान देने की मंशा से की जा रही है। इससे अन्य खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

शिक्षा क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए केवल खेल योग्यता नहीं, बल्कि शैक्षणिक और प्रशासनिक समझ भी जरूरी होती है।
वहीं, खेल जगत के लोगों का कहना है कि यदि नीति में प्रावधान है, तो उसका पालन किया जाना चाहिए।


सम्बन्धित सामग्री






हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें!

विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें