लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में नकली दवा कारोबार के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2024-25 में विभाग ने अब तक 30.77 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में 1039 छापेमारी अभियान चलाए गए, जिनमें 13,848 नमूने एकत्र किए गए। जांच के दौरान 96 नमूने नकली और 497 नमूने अधोमानक पाए गए। इस कार्रवाई के तहत 1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त किए गए और 68 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
इस अभियान में सबसे अधिक कार्रवाई लखनऊ, आगरा और गाजियाबाद में की गई। राजधानी लखनऊ में एसटीएफ के सहयोग से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व नकली दवाओं पर बड़ी छापेमारी की गई।
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आगरा: 5 नवंबर 2024 को 1.36 करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद
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गाजियाबाद: 6 फरवरी 2025 को 0.9 करोड़ रुपये की नारकोटिक्स औषधियां जब्त
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बरेली: अप्रैल 2025 में 0.5 करोड़ रुपये के नकली कॉस्मेटिक उत्पाद जब्त
विभाग ने पूरे प्रदेश में 463 दवा निर्माण इकाइयों, 647 ब्लड बैंकों और 10,462 विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। गंभीर अनियमितताओं के चलते 6 निर्माण इकाइयों और 5 ब्लड बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में एलोपैथिक दवाएं
अधिकारियों ने बताया कि कुछ मामलों में आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में एलोपैथिक दवाओं का अपमिश्रण भी सामने आया है। ऐसे 14 संदिग्ध नमूनों की जांच अभी जारी है।
जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि
यह अभियान उत्तर प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। यह न सिर्फ आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि अवैध दवा कारोबार पर भी कठोर शिकंजा कसेगा। सरकार ने भविष्य में भी ऐसे अभियानों को और अधिक तेज़ी से जारी रखने का संकल्प लिया है।