कार्यक्रम में मौजूद उप राष्ट्रपति | पाठकराज
पाठकराज
नोएडा, 23 जून 2025। सेक्टर 125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में सोमवार को भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) द्वारा आयोजित 99वीं आम सभा बैठक का भव्य शुभारंभ भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के कर-कमलों से हुआ। इस दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन में देशभर के सैकड़ों कुलपति, शिक्षाविद और नीति-निर्माता उपस्थित रहे।
उप राष्ट्रपति ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा:
“99वां वर्ष किसी भी संगठन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अब समय है कि हम ऐसी नीतियों की नींव रखें, जो आने वाले 100 वर्षों तक शिक्षा व्यवस्था का मार्गदर्शन करें।”
धनखड़ ने नई शिक्षा नीति (NEP) की चर्चा करते हुए इसे केवल सरकारी दस्तावेज न मानकर, “एक जीवन-दृष्टि” बताया, जिसे शिक्षकों और छात्रों दोनों को गंभीरता से समझने और अपनाने की जरूरत है।
विश्वविद्यालय केवल डिग्री नहीं, विचार पैदा करें
उपराष्ट्रपति ने शिक्षकों और कुलपतियों से आह्वान किया कि वे छात्रों को सिर्फ डिग्री तक सीमित न रखें। बल्कि:
“छात्रों के विचार, नवाचार और रचनात्मकता को प्राथमिकता दें। वैश्विक स्तर पर भारत के विचारों से बदलाव संभव हैं।”
धनखड़ ने कुलपतियों की तुलना महाभारत के श्रीकृष्ण से की और कहा:
“आप सभी ‘कृष्ण’ हैं जो अपने ‘अर्जुन’ यानी छात्रों को जीवन रूपी युद्ध के लिए तैयार करते हैं।”
भारत: प्राचीन ज्ञान का केंद्र
धनखड़ ने भारत की शैक्षिक विरासत को याद दिलाते हुए कहा कि भारत सदियों से ज्ञान और अनुसंधान का केंद्र रहा है। उन्होंने तक्षशिला, चाणक्य, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र जैसी संस्थाओं का उल्लेख कर गौरवशाली परंपरा की चर्चा की।
“हमारे पास वह विरासत है जिसे दुनिया ने सराहा है। अब जरूरत है उसे आधुनिकता से जोड़ने की।”