जेवर, 8 मई 2025 — यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार से दौड़ने वाले वाहन चालकों की अब खैर नहीं। स्पीड कैमरों को चकमा देकर गति सीमा तोड़ने वालों पर अब एवरेज स्पीड के आधार पर चालान कटेगा। एक्सप्रेसवे प्रबंधन ने नया हाईटेक सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो चालकों की चालाकी पकड़ने में पूरी तरह सक्षम है।
अब कैमरों से बचना नहीं होगा आसान
165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे पर पहले 30 स्पीड कैमरों के जरिए गति सीमा की निगरानी की जा रही थी, लेकिन इंटरनेट एप्स से कैमरों की लोकेशन जान कर वाहन चालक सिर्फ कैमरों के पास रफ्तार कम करते थे और बाकी सफर ओवरस्पीड में पूरा करते थे। इस रणनीति को नाकाम करने के लिए अब औसत गति (Average Speed) की निगरानी की व्यवस्था की गई है।
कैसे करेगा काम नया सिस्टम?
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तीनों प्रमुख टोल प्लाजा, छह इंटरचेंज, और आठ रैंप प्लाजा पर वाहन की एंट्री और एग्जिट का समय रिकॉर्ड किया जाएगा।
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वाहन की औसत गति निकालने के लिए तय दूरी और समय के आधार पर डेटा एनालिसिस होगा।
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नंबर प्लेट पहचानने वाले कैमरे वाहन की तस्वीर के साथ गति का रिकॉर्ड स्टोर करेंगे।
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दोनों सिरों पर लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे सेक्शन स्पीड को रिकॉर्ड कर सकेंगे।
अब चालान सीधे पहुंचेगा घर
स्पीड लिमिट तोड़ने वाले वाहन चालकों की फोटो और नंबर प्लेट समेत पूरी जानकारी ट्रैफिक पुलिस को भेजी जाएगी। नोएडा, मथुरा और आगरा पुलिस अब इसी आधार पर ई-चालान जारी करेंगी।
हर दिन 3000 से ज्यादा नियम उल्लंघन
एक्सप्रेसवे प्रबंधन के अनुसार, प्रत्येक दिन औसतन 30,000 से 35,000 वाहन एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं। इनमें से 3000 से 3500 वाहन चालक रोज गति सीमा का उल्लंघन करते हैं। वीकेंड या त्योहारों के समय यह संख्या 50,000 से अधिक हो जाती है।
अब चालाक चालकों पर सख्ती
टोल के वरिष्ठ प्रबंधक जेके शर्मा ने बताया कि, "नए सॉफ्टवेयर का ट्रायल पूरा हो चुका है। अब कोई भी चालक कैमरे की जानकारी वाले एप्स से बचकर स्पीड लिमिट नहीं तोड़ पाएगा। चालान के लिए पूरे सफर का एवरेज स्पीड डाटा ट्रैफिक पुलिस को दिया जाएगा।"